Gorakhpur : इंटरनेशल लिटरेसी डे 8 सितंबर को पूरी दुनिया में इस दिन को याद रखा गया लेकिन सिटी के लोग इस दिन को भूल बैठे. पूरे सिटी में सिर्फ एमपीपीजी जंगल धूसड़ में ही इंटरनेशनल लिटरेसी डे न सिर्फ याद रखा गया बल्कि सिटी के लोगों को अवेयर करने के लिए कॉलेज के एनएसएस वालेंटियर्स ने अवेयरनेस रैली निकाली. इसका मेन मोटिव स्टूडेंट्स को एजूकेशन के प्रति अवेयर करना था.


लिटरेसी बहुत जरूरीआस-पास के लोगों को अवेयर करने के उद्देश्य से निकाली गई रैली सिटी के मंझरिया और हसनगंज होते हुए कॉलेज कैंपस में वापस लौटी। इस अवेयरनेस रैली में इस बात पर जोर दिया गया कि लिटरेसी बहुत जरूरी है। इस दौरान एक गोष्ठी ऑर्गेनाइज की गई। इस दौरान सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर लोकेश कुमार प्रजापति ने मौजूद वालेंटियर्स को बताया कि जिस तरह से ह्यूमन लाइफ के लिए रोटी, कपड़ा और मकान की जितनी जरूरत है, उतना ही उन्हें लिटरेट होना भी जरूरी है। इंडिया में बड़ी तादाद में लोग इल्लिटरेट
लेक्चर के दौरान यह बात भी सामने आई कि शिक्षा ही ज्ञान को विस्तार देती है। अभी भी इंडिया जैसे देश में बड़ी तादाद में लोग इल्लिटरेट हैं। ऐसी कंडीशन में एजूकेशनल इंस्टीट्यूट्स के कंधो पर ह्यूमन कैरेक्टर और पर्सनालिटी डेवलपमेंट का दायित्व होता है। इसके लिए न सिर्फ कैंपस में बल्कि वहां से बाहर निकलकर भी लोगों को अवेयर करने जरूरत है। इस दौरान प्रोग्राम ऑफिसर कविमा मन्ध्यान ने कहा कि साक्षर समाज ही एक स्वस्थ्य राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। ऐसी कंडीशन में एजूकेशनल इंस्टीट्यूशंस को इंपॉर्टेंट रोल प्ले करना चाहिए और अवेयरनेस रैलियों के माध्यम से समाज के लोगों को मोटीवेट करते रहना चाहिए।

Posted By: Inextlive