-एएमए सभागार में गैस्ट्रोकेयर पर बेस्ड इंटरनेशनल कांफ्रेंस के दौरान डॉक्टर्स ने दी अहम जानकारियां

PRAYAGRAJ: सीता को अचानक तेज पेट दर्द हुआ। आनन-फानन में उसे हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड करने के बाद बताया कि सीता को फैटी लीवर ग्रेड टू है। व‌र्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक लीवर संबधी बीमारियां उन दस कॉमन बीमारियों में से हैं जो भारत में मौत का कारण बनती हैं। वैसे तो कॉमन परसेप्शन है कि शराब पीने से लीवर डेमेज होता है। लेकिन यह समस्या तो गुजरात जैसे ड्राई स्टेट में, बच्चों और महिलाओं में भी पाई जा रही है। असल में इसे नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज कहा जाता है। यदि फैटी लीवर पर ध्यान न दिया जाए तो यह हेपेटाइटिस, सिरॉयसिस और लीवर कैंसर में तब्दील हो सकता है। भारत में लीवर संबधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। यह जानकारी रविवार को स्टैनली रोड स्थित एएमए कन्वेंशन हॉल में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस में दी गई।

खानपान की बदलती आदतों से मुश्किल

डॉक्टरों का मानना है कि फैटी लीवर बदलते खानपान और लाइफस्टाइल की वजह से हो रहा है। खेलकूद में पार्टिसिपेट न करना, जंक फूड खाना यह इसकी मुख्य वजह हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि भारतीयों के बॉडी वेट में फैट ज्यादा पाया जाता है। जबकि पश्चिमी देशों के लोगों के बॉडी वेट में फैट की अपेक्षा मसल वेट होता है। यह भी एक बड़ी वजह है कि भारत में फैटी लीवर के पेशेंट्स ज्यादा पाए जा रहे हैं।

फैटी लीवर से ऐसे बचें

1. अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें, पैदल चलें।

2. लिफ्ट की जगह सीढि़यों का उपयोग करें।

4. सप्ताह में पांच दिन 35 से 40 मिनट एक्सरसाइज करें।

यह खाएं

-हरी सब्जियों जैसे पालक, ब्रोकली, लौकी, नेनुआ अपनी डाइट में शामिल करें।

-ओट्स, मोटे अनाज, स्प्राउट आदि को अपने ब्रेकफास्ट में शामिल करें।

-ओमेगा-3 फैटी एसिड या फिश का सेवन करें, इससे लीवर फंक्शन इम्प्रूव होता है।

वर्जन

बच्चें में फैटी लीवर की समस्या बदलते खानपान और मोटापे के चलते हो रही है। पैरेंट्स को चाहिए कि वह बच्चों को बेसिक डाइट दें। साथ ही आउटडोर गेम्स खेलने के लिए प्रोत्साहित करें।

-डॉ। शिवेंद्र सिंह

बदलती लाइफस्टाइल के और खानपान के कारण फैटी लीवर की समस्या सामने आ रही है। इसे डाइट मॉडिफिकेशन और लाइफस्टाइल में बदलाव कर बिना दवा के दूर किया जा सकता है।

-डॉ। अनूप सिंह

बॉक्स

देश से दुनिया के डॉक्टर रहे मौजूद

PRAYAGRAJ: प्रयागराज में पहली बार गैस्ट्रोकेयर पर आधारित कांफ्रेंस में एचपीबी (लीवर, पैंक्रियाज, बिलियरी) से जुड़ी बीमारियों और लीवर ट्रांसप्लांट जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर देश और दुनिया से आए विशेषज्ञ डॉक्टर्स ने अपनी राय रखी। जापान से आई क्योटा यूनिवर्सिटी की लीवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉक्टर यूसी हीरो हिराता ने लिवर ट्रांसप्लांट की एडवांस तकनीक के बारे में बताया। कांफ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेट्री लीवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ। वलीउल्लाह सिद्दीकी, मैक्स सेंटर फॉर लीवर एंड बिलियरी साइंसेज के चेयरमैन डॉ। सुभाष गुप्ता, राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट दिल्ली के चीफ आंकोलाजिस्ट एंड एचपीबी विशेषज्ञ डॉ। शिवेंद्र सिंह आदि रहे। तमाम शहरों से 400 से अधिक डॉक्टर ने हिस्सा लिया।

Posted By: Inextlive