- होटल के कमरे में मिली युवक की फंदे से लटकती डेडबॉडी

- हाईस्कूल, इंटर की दो छात्राओं ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

- जॉब न मिलने और कलह के चलते तीन युवकों ने आत्महत्या

LUCKNOW : जिंदगी के सफर में हार-जीत एक सिक्के के दो पहलुओं की तरह है, लेकिन आज कल के युवा छोटी सी हार के बाद जिंदगी की डोर तोड़ रहे हैं। राजधानी के विभिन्न इलाकों में गुरुवार को असफलता पर दो नाबालिग समेत छह लोगों ने मौत को गले लगा लिया। जो यह दर्शाता है कि युवा जिंदगी

केस नंबर एक-

मैं अपनी मौत का खुद जिम्मेदार

इंस्पेक्टर नाका सुजीत कुमार दुबे ने बताया कि नवीन (24) गाजियाबाद वैशाली स्थित 41वीं वाहिनी पीएसी बटालियन में रहता था। नवीन के पिता रकम पाल पीएससी में सिपाही के पद पर तैनाती थे। तीन साल पहले हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी। वह गुरुवार को मृतक आश्रित कोटे के तहत सिपाही भर्ती परीक्षा की दौड़ में हिस्सा लेने के लिए महानगर स्थित 35 वाहिनी पीएससी आया था। वह परीक्षा में सफल नहीं हो सका। वह चारबाग स्थित गीत पैलेस होटल के कमरा नंबर 101 में रुका था। शुक्रवार सुबह नवीन की मां सुशीला देवी और मामा राहुल पहुंचे। होटल के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद होने पर काफी देर खटखटाते रहे। कोई जवाब न मिलने पर दरवाजा तोड़ा जैसे ही कमरे में दाखिल हुए तो देखा कि पंखे के सहारे चादर से नवीन का शव लटका रहा था। कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। इसमें लिखा था कि 'मैं दौड़ नहीं सका, शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं हूं। मैं सिपाही नहीं बन पाऊंगा। इस कारण आत्महत्या कर रहा हूं। अपनी मौत का खुद जिम्मेदार हूं।

केस नंबर दो-

जॉब न मिलने से परेशान था

जानकीपुरम गार्डेन निवासी रामू प्रसाद का इकलौता बेटा शुभम रावत (22) पढ़ाई के बाद जॉब के लिए तैयारी कर रहा था। शुभम मनमाफिक जॉब न मिलने से परेशान था। शुभम के बहनोई मुकेश ने बताया कि रात करीब एक बजे उसने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह उसका शव फंदे से लटकते देखा गया। जानकीपुरम पुलिस को इसकी सूचना दी गई। जानकीपुरम पुलिस का कहना है शुभम जॉब न मिलने से परेशान था, जिसके चलते उसने सुसाइड किया।

केस नंबर तीन-

यूनिवर्सिटी में लेना था एडमिशन

नाका के गणेशगंज निवासी भगवान दास त्रिवेदी की बेटी अपर्णा त्रिवेदी (16) ने इस वर्ष इंटर की एग्जाम पास किया था। वह लखनऊ यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना चाहती थी। पिता मंडी में काम करते हैं। शुक्रवार को पिता तड़के अपने काम पर गए थे जबकि परिवार के अन्य सदस्य दूसरे कामों में जुटे थे। इसी दौरान अपर्णा ने कमरे में लगे पंखे के कुंडे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह जब परिजनों ने उसके शव को फंदे से झूलते देखा तो सूचना नाका पुलिस को दी।

केस नंबर चार-

11वीं क्लास में एडमिशन की थी तैयारी

गुडंबा के आधार खेड़ा नई बस्ती निवासी मनीष सिंह की बेटी सोनू सिंह (14) ने इस वर्ष आरपी इंटर कॉलेज से हाई स्कूल की परीक्षा पास की थी। 11वीं क्लास में उसके एडमिशन की तैयारी भी चल रही थी। परिवार में बड़े भाई और बहन हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। शुक्रवार सुबह सोनू ने कमरे में लगे पंखे के कुंड से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।

केस नंबर पांच

घरेलू कहल के चलते लगाई फांसी

आशियाना स्थित किला मोहम्मदी गांव निवासी शटरिंग कारीगर संजय तिवारी (30) ने घरेलू कलह से तंग आकर शुक्रवार देर शाम दुपट्टे से फांसी का फंदा बना आत्महत्या कर ली। स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची आशियाना पुलिस ने मृतक का शव नीचे उतार पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।

नंबर छह

पंखे से लटक कर दी जान स

मलिहाबाद के टिकरी खुर्द गांव निवासी राजेश कुमार (42) ने पंखे के हुक के सहारे रस्सी से लटककर जान दे दी। उस समय राजेश घर पर अकेला था। छोटा भाई रमेश जब घर पहुंचा तो राजेश को पंखे से लटकता हुआ पाया। उसने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची मलिहाबाद पुलिस ने शव को नीचे उतारा और पीएम के लिए भेज दिया। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।

Posted By: Inextlive