इंडिया समेत दुनिया भर के लाखों लोगों की आस्था के केंद्र सत्य साईं बाबा 85 का संडे सुबह 7:40 पर निधन हो गया. बाबा के निधन के बाद अब उनकी विरासत का सवाल खड़ा हो गया है. वे कोई वसीयत नहीं छोड़ गए हैं इसलिए इस सवाल का जवाब मुश्किल हो गया है कि उनकी जगह कौन लेगा. आखिर लगभग 50000 करोड़ रुपये का सवाल है.

बाबा अपने पीछे बड़ा साम्राज्य छोड़ गए हैं. एक अनुमान के मुताबिक, उनके ट्रस्ट की संपत्ति 40 हजार करोड़ से लेकर 1.5 लाख करोड़ रुपये तक हो सकती है. ट्रस्ट के सचिव पूर्व आईएएस ऑफिसर के. चक्रवर्ती को उनके उत्तराधिकार का सबसे मजबूत दावेदार बताया जा रहा है. इसके बाद नंबर आता है आर. जे. रत्नाकर का. वह, ट्रस्ट में बाबा के परिवार के अकेले सदस्य हैं.


बाबा के पीए सत्यजीत को तीसरा दावेदार बताया जा रहा है. वैसे ट्रस्ट को आंध्र सरकार भी टेकओवर कर सकती है, लेकिन वहां के रिवेन्यू मिनिस्टर ने इससे इनकार किया है. गौरतलब है कि बाबा ने भविष्यवाणी की थी कि उनके निधन के बाद कर्नाटक के मंड्या जिले में 2030 में उनका वारिस जन्म लेगा.


ये सात लोग हैं जिन पर सभी की निगाहें टिकी है-

के. चक्रवर्ती : पूर्व आईएएस अधिकारी चक्रवर्ती ट्रस्ट के सचिव हैं. उनके पास ट्रस्ट के चेकों पर साइन करने का अधिकार है. अनंतपुर जिले के जिलाधिकारी रहे चक्रवर्ती ने बाबा की सलाह पर आईएएस की नौकरी छोड़कर 1981 में उनके साथ आ गए थे.
एस.वी. गिरि : आईएएस अधिकारी रहे गिरि ट्रस्ट के सदस्य हैं. वह चीफ विजिलेंस कमिश्नर  के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वे 1998 में नौकरी छोड़कर श्री सत्य साईं यूनीवर्सिटी के कुलसचिव बन गए. गिरि ने साईं एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स का नेटवर्क बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाई है.
पी.एन. भगवती : देश के पूर्व चीफ जस्टिस भगवती न्यास के सबसे नामी और सम्मानित चेहरे हैं. ये भी बाबा की सलाह पर न्यास से जुड़ गए.

इंदूलाल शाह :
चार्टर्ड अकाउंटेंट से बिजनैसमेन बने शाह श्री सत्य साईं सेवा संगठन के संस्थापक और इसके इंटरनेशनल एडवाइजर  हैं. शाह साईं संस्थानों का नेटवर्क पूरी दुनिया में फैलाते हैं.

वेणु श्रीनिवासन :
टीवीएस मोटर्स के प्रेसीडेंट और मैनेजिंग डाइरेक्टर भारत में साईं संस्थानों के प्रमुख हैं.
आर.जे. रत्नाकर : ट्रस्ट में शामिल बाबा के पारिवारिक सदस्य हैं. बाबा ने इनके पिता जानकीराम के निधन के बाद 2010 में रत्नाकर को ट्रस्ट का मेंबर बनाया. रत्नाकर (39) पुट्टापर्थी में एक केबल टीवी नेटवर्क चलाते हैं.

सत्यजीत :
बाबा की व्यक्तिगत रूप से देखरेख करने वाले सत्यजीत ट्रस्ट के सदस्य नहीं हैं. यह बाबा के बहुत निकट थे. बाबा ने पिछले साल इन्हें न्यास के सदस्य के रूप में शामिल करने की इच्छा जाहिर की थी.

Posted By: Kushal Mishra