इस बार जगन्नाथ जी जिप्सी पर सवार हुए. केवल इतना ही नहीं गोमती पर उन्होंने नौका विहार भी किया. नाव पर बलभद्र जी और सुभद्रा भी मौजूद थे. यह गाड़ी स्टार्ट नहीं की गई. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने इनकी डोर खींचीे. जगह-जगह शर्बत और हलवा का प्रसाद बंटा. चौक से यह अनूठी यात्रा निकाली गई. इसके अलावा अमीनाबाद में भी विशाल यात्रा के दर्शन लोगों ने किए.


 


इस बार जगन्नाथ जी जिप्सी पर सवार हुए। केवल इतना ही नहीं, गोमती पर उन्होंने नौका विहार भी किया। नाव पर बलभद्र जी और सुभद्रा भी मौजूद थे। यह गाड़ी स्टार्ट नहीं की गई। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने इनकी डोर खींचीे। जगह-जगह शर्बत और हलवा का प्रसाद बंटा। चौक से यह अनूठी यात्रा निकाली गई। इसके अलावा अमीनाबाद में भी विशाल यात्रा के दर्शन लोगों ने किए. 

 चौक और अमीनाबाद से जगन्नाथ जी की यात्रा निकाली गई। श्री श्री जगन्नाथ रथ यात्रा एवं नवरात्र प्रबंधन समिति के महामंत्री सतीश चन्द्र गौड़ ने बताया कि इस बार तीन जिप्सी पर जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा सवार हुए। रस्सी से यह गाड़ी खीची गई। चौक स्थित बड़ी काली जी मंदिर के सामने से यात्रा निकाली गई। आगे हाथी चल रहा था। इसके अलावा तीन बग्घियां थीं। जिस पर साईं बाबा, राधा-कृष्ण, भगवान शंकर के स्वरूप सवार थे। पांच ऊंट और तीन बैंड यात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे। बड़ी काली जी मंदिर से शुरू होकर यात्रा सराय माली खां, चौपटिया, भोला नाथ कुंआ, अकबरी गेट, चौक सर्राफा होते हुए कुडिय़ाघाट पहुंची। इस मौके पर डा.स्वामी राम अवस्थी, लक्ष्मीकांत पांडे, अनूप मिश्रा, श्यामू यादव सहित कई भक्त मौजूद थे। सोमवार को खुनखुन जी प्लेग्राउंड पर भंडारा और प्रसाद वितरण किया जाएगा।
नहीं मिला प्रशासन का सहयोग
यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं का आरोप था कि प्रशासन ने कोई सहयोग नहीं किया। नक्खास में रविवार की साप्ताहिक बाजार लगी थी। इसकी वजह से खरीदारों की भारी भीड़ यहां मौजूद थी। प्रशासन का कोई अधिकारी यहां मौजूद नहीं था।


गौढिय़ा मठ मिशन मोतीनगर व सूरजबली हलवाई मंदिर मारवाड़ी गली से रथयात्रा निकाली गई। यह अमीनाबाद रोड, नाका हिंडोला, गनेशगंज, शिवाजी मार्ग तिराहा, जीबी मार्ग, कैसरबाग, नजीराबाद होते हुए मारवाड़ी गली पर वापस पहुंची।


आज तक नहीं मिली नौकरी
आज से ठीक 11 साल पहले तीन जुलाई 2000 की याद करते ही चौपटिया निवासी मनोज गुप्ता की आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है। उस दिन रथयात्रा निकाली जा रही थी। भक्तों में जबरदस्त उत्साह था। पुरी की तरह ही यहां रथ यात्रा खींची जा रही थी। तभी खेतगली के सामने रथ पहुंचते ही एक हादसा हो गया। मनोज का भाई अनिल उर्फ मिंटू रथ के पहिये के नीचे आ गया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इस हादसे के बाद से चौपटियां से रथ यात्रा का निकाला जाना ही बंद हो गया। तत्कालीन आवास एवं नगर विकास मंत्री लालजी टंडन ने अनिल के छोटे भाई मनोज को सरकारी नौकरी देने का वायदा किया था लेकिन वह आज तक पूरा नहीं हो सका। कुछ महीनों के लिए उसे डेलीवेजे$ज पर एक ठेकेदार के साथ लगाया गया। दिहाड़ी 55 रुपए मिलती थी। यह रकम कन्वेंस पर ही खर्च हो जाती थी लिहाजा वह ज्यादा दिनों तक वहां टिक न सका और आज तक सरकारी नौकरी की तलाश में वह भटक रहा है।

Posted By: Inextlive