चार का वार
होम्योपैथी छात्रों के लिए डिग्री लेना अब और भी महंगा हो गया है। उनकी एग्जामिनेशन फीस चार गुना बढ़ा दी गई है। इसके बाद स्टूडेंट्स को एग्जामिनेशन फीस के रूप में 6 हजार रुपए देने होंगे। इससे स्टूडेंट्स में खलीबली मची है। कॉलेजों ने बढ़ी हुई फीस जमा करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। निदेशक होम्योपैथी ने भी इस पर मुहर लगाकर बढ़ी हुई फीस जमा करने के निर्देश दे दिए हैं। यह हाल तब है जब सीएसएमएमयू में एमबीबीएस की एग्जामिनेशन फीस सिर्फ 2 हजार रुपये ली जाती है।
अब तक 1500
कुछ दिन पहले ही नेशनल होम्योपैथी कॉलेज के स्टूडेंट्स ने अपनी एग्जामिनेशन फीस 1500 रुपये जमा की थी। अब उन्हें फिर से साढ़े चार हजार रुपये जमा करने को कहा जा रहा है। इसके बाद से स्टूडेंट्स के होश उड़े हुए हैं। मंगलवार को कॉलेज में डॉ। भीम राव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा का रिटेन लेटर भी आ गया जिसमें कहा गया है कि अब एग्जामिनेशन फीस 6 हजार जमा करनी है। बिना इसके एग्जाम में बैठने नहीं दिया जाएगा। जबकि आगरा यूनिवर्सिटी से ही एफिलिएटेड एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा में एमबीबीएस की एग्जामिनेशन फीस सिर्फ 1750 रुपये ली जाती है।
MBBS में सिर्फ 2000
होम्योपैथी की यह बढ़ी हुई फीस एलोपैथिक स्टूडेंट की फीस से तीन गुना ज्यादा है। सीएसएम मेडिकल यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर प्रो। अब्बास अली मेंहदी ने बताया कि एमबीबीएस की एग्जामिनेशन फीस 2 हजार रुपये ली जाती है। यह फीस सिर्फ सीएसएम मेडिकल यूनिवर्सिटी ही नहीं बल्कि लगभग सभी एलोपैथिक मेडिकल कॉलेजों की है। एसएन मेडिकल कॉलेज भी डॉ। भीम राव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा से कनेक्टेड है लेकिन यहां पढऩे वाले एमबीबीएस स्टूडेंट्स की फीस नहीं बढ़ाई गई है।
प्रदेश के सभी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज डॉ। भीम राव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा से एफिलिएटेड हैं लेकिन आगरा में प्रदेश का कोई भी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज नहीं है। प्रदेश में 7 होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज हैं जो कि लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद, इलाहाबाद, आजमगढ़, गाजीपुर, फैजाबाद में हैं। इससे अक्सर स्टूडेंट्स के एग्जाम लेट होते हैं तो कभी रिजल्ट नहीं आता. इन कालेजेज में हर साल 300 स्टूडेंट एडमिशन लेते हैं।
स्टूडेंट्स के अनुसार उनका बैच पहले से ही 8 माह लेट चल रहा है। इस समय स्टूडेंट्स की इंटर्नशिप समाप्त होनी चाहिए। लेकिन आगरा यूनिवर्सिटी प्रशासन अभी तक एग्जाम्स की डेट भी घोषित नहीं कर पाया है। इसको लेकर कई बार स्टूडेंट प्रदर्शन कर चुके हैं। शासन द्वारा हर बार स्टूडेंट्स को डांट, फटकार कर चुप करा दिया जाता है। कोई बैच 8 माह लेट है तो कोई 6 माह।
यूनिवर्सिटी ने मंगलवार को फैक्स भेजकर फीस बढऩे की सूचना दी है। जिसे हमने स्वीकृत कर दिया है। ताकि स्टूडेंट फीस जमा करें और सेशन लेट न हो। हमने यूनिवर्सिटी को होम्योपैथी की बढ़ी हुई फीस पर विचार करने के लिए भी लेटर लिखा है। क्योंकि यह फीस बहुत ज्यादा है।
डॉ। विक्रमा प्रसाद
डायरेक्टर होम्योपैथी एवं प्रिंसिपल , नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, लखनऊअचानक होम्योपैथी की फीस इतनी ज्यादा बढ़ाना कतई उचित नहीं है। इससे छात्रों को आर्थिक दिक्कते होंगी और पढ़ाई में भी दिक्कत होगी। बढ़ी हुई फीस वापस होनी चाहिए।
डॉ। अनिरूद्ध वर्मा , सदस्य केन्द्रीय होम्योपैथी चिकित्सा परिषदकोर्सेज की फीस बहुत समय से बढ़ाई नहीं गई थी। जबकि यूनिवर्सिटी पर भार ज्यादा पड़ रहा है। इसलिए सभी कोर्सेज की फीस बढ़ाई गई है।
बालजी यादव, डिप्टी रजिस्ट्रार, आगरा यूनिवर्सिटी
यूनिवर्सिटी ने एग्जामिनेशन फीस तो बढ़ा दी है लेकिन टीचर्स को ट्रैवलिंग एलाउंस भी नहीं दिया जाता है। और न ही कक्ष निरीक्षक को पैसा मिलता है। ऐसी दशा में स्टूडेंट्स की बढ़ी हुई फीस वापस लेनी चाहिए। इससे स्टूडेंट्स पर भार पड़ेगा.
डॉ। आरसी यादव, महासचिव, प्रांतीय होम्योपैथी शिक्षक सेवा संघ