पापा ने कई सपने देखे थे. मां की आंखों में भी कई ख्वाब थे जिसे उनका लाडला पूरा करने वाला था. पर सबकुछ एक झटके में खत्म हो गया. घर का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया. आदित्य को उसके 'अपने' दोस्तों ने ही मार डाला.


जब घर के 'चिराग' की कहीं कोई खबर नहीं मिली, तो घरवाले परेशान हो गए। काफी खोजबीन के बाद रूपसपुर थाना में अपहरण का मामला दर्ज कराया गया। इसके बाद पुलिसिया कार्रवाई शुरू हो गई। फोन कॉल्स ट्रेस किया जाने लगा। गुरुवार की सुबह से ही पुलिस आदित्य की खोज में लग गई। पुलिस को उसके फ्रेंड रवि के हाथ आते ही कई खुलासे सामने आने लगे। आदित्य के बेस्ट फ्रेंड रवि ने उसका किडनैप करवाया और इस गैंग में शामिल पांच अन्य दोस्तों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। इनमें दो का क्रिमिनल बैकग्राउंड रहा है, जबकि बाकी तीन की एज बीस साल के करीब है और पहली बार इस तरह की घटना में शामिल रहा है। इस घटना को अंजाम देने वालों में से पांच गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि एक की तलाश जारी है। कुएं से निकाली गई डेडबॉडी
अपहरण के महज आठ घंटे के भीतर ही किडनैपर्स ने शैलेश कुमार के बेटे आदित्य की गला दबाकर मार डाला। पूछताछ के दौरान क्रिमिनल्स ने गुरुवार की रात पुलिस को बताया कि आदित्य की लाश कहां फेंकी गई है? अपहर्ताओं की निशानदेही पर शुक्रवार की सुबह कुएं की तलाशी की गयी, तो वहां से डेडबॉडी बरामद हुई। प्रेस को ब्रीफ करते हुए एसएसपी आलोक कुमार ने बताया कि रवि आदित्य का क्लोज फ्रेंड था और उसी ने किडनैपिंग की सारी प्लानिंग की थी। इस प्लानिंग में रवि के मौसेरे भाई अविनाश उर्फ राइफल, संटू, सौरभ व सनोज शामिल थे, जो अभी पुलिस हिरातस में हैं। बैंक रॉबरी में भी रहा है शामिलकिडनैपर्स ने बताया कि हमलोग बिजनेस करना चाहते थे, इसलिए आदित्य का अपहरण किया और उसकी फैमिली मेंबर से 75 लाख की डिमांड भी की। पूछताछ के दौरान किडनैपर्स ने पुलिस को बताया कि उनलोगों ने पहले ही डिसाइड कर लिया था कि आदित्य को मार डालेंगे और फिर उसके नाम पर घर से पैसे की उगाही की जाएगी। एसएसपी आलोक कुमार ने बताया कि इनलोगों की आर्थिक हालत ठीक नहीं है, इसी वजह से प्रिप्लांड वे में इस घटना को अंजाम दिया। वैसे संटू और सनोज मसौढ़ी बैंक रॉबरी में भी शामिल रहा है।

Posted By: Inextlive