वेक अप सिड के गूंजा-सा कोई इकतारा गीत गाकर बॉलीवुड में धूम मचाने वाली सूफी सिंगर कविता सेठ का पहला बिहार दौरा 'यादागर' रहा. मेमोरेबल अच्छे पलों के लिए नहीं बुरी फीलिंग्स के लिए. इस 'खूबसरत' गायिका के रहने के लिए टूरिज्म डिपार्टमेंट को कोई अच्छी जगह ही नहीं मिली. शायद इसीलिए इन्हें उस होटल में ठहराया गया जहां एसी चलता नहीं सिर्फ दिखता है. होटल कौटिल्य विहार में जाने के आधे घंटे बाद ही कविता गुस्सा होकर बाहर निकल आईं. अपने पति के साथ ये तुरंत सम्राट इंटरनेशनल चली गईं.


सुबह करीब दस बजे कविता सेठ राजधानी के होटल कौटिल्य विहार में आईं। टूरिज्म डिपार्टमेंट की ओर से रूम नंबर-103 में उनके ठहरने का इंतजाम किया गया था। आधा घंटा ही बीता होगा कि कविता सेठ ने डिपार्टमेंट के लोगों को कहा-मैं यहां नहीं रह सकती। कुछ ही देर में वे बैग एंड बैगेज होटल कौटिल्य विहार से निकल रही थीं। निकलते-निकलते रिसेप्शन वालों को इतना ही कहा कि, 'आज तक इतने अच्छे होटल में ठहरने का सौभाग्य नहीं मिला'। जब हम इंटरव्यू लेने पहुंचे, तो उन्होंने कहा कि, 'आप सम्राट इंटरनेशनल चलिए, वहीं इत्मीनान से बात होगी। रात भी अच्छे से नहीं सो पाई


बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से थक चुके हैं। मुंबई से सुबह पांच बजे ही फ्लाइट थी। इसके लिए घर से तीन बजे ही निकली। रात में भी ठीक से नहीं सो पाई थी। सुबह यहंा पहुंचकर इतना घटिया रूम देखा, तो माथा ही ठनक गया। एक बजे उन्हें जहानाबाद के लिए भी निकलना था। दो घंटे की थकाऊ जर्नी के बाद उन्हें शाम में परफॉर्म करना था, वो भी सूफी संगीत। इसके लिए मेंटली और फिजिकली फ्रेश होना जरूरी था, पर शायद टूरिज्म डिपार्टमेंट को उनकी इस तलब का अहसास नहीं हुआ और घटिया रूम बुक कर दिया गया। डिपार्टमेंट की नजर में शायद कविता सेठ के लिए कौटिल्य विहार ही सही था, जहां अधिकतर एसी ठीक से काम ही नहीं करता है। बीएसटीडीसी के जीएम का कहना है कि उनके लिए सारा इंतजाम टूरिज्म डिपार्टमेंट की ओर से किया गया था। उन्हें केवल एक लेटर मिला था, जिसमें उनके लिए यहां एक कमरा बुक का निर्देश था। जीएम को भी नहीं थी जानकारीहोटल कौटिल्य विहार का संचालन बीएसटीडीसी (बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) करता है। जीएम शैलेंद्र कुमार को इसकी भी जानकारी नहीं है कि कविता सेठ ने खुद सम्राट इंटरनेशनल में अपने लिए कमरा बुक करवाया या फिर टूरिज्म डिपार्टमेंट की ओर से किया गया। हालांकि बाद में डिपार्टमेंट की ओर से ही आनन-फानन में वहां कमरा बुक करवाया गया। हालांकि बीएसटीडीसी के लोगों ने कविता की प्रोफाइल को देखते हुए उन्हें होटल चाणक्य या होटल मौर्या में ठहराने का सुझाव दिया था। जब कविता सेठ ने कौटिल्य विहार में रहने से मना कर दिया, तब होटल चाणक्य और पाटलिपुत्र अशोक में कमरे के बारे में पता किया गया। जीएम का कहना है कि इन दोनों में कमरा उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें डिपार्टमेंट की ओर से होटल सम्राट इंटरनेशनल में ठहराया गया।

सबसे अच्छे कमरे का यह हाल बीएसटीडीसी ने अपनी ओर से कविता सेठ को सबसे बेहतर कमरे में ठहराया था। गौरतलब है कि होटल कौटिल्य विहार के अधिकांश कमरे का एयर कंडीशंड काम नहीं कर रहा है। बीएसटीडीसी सोर्सेेज की मानें, तो अधिकतर एयर कंडीशंड वर्षों पुराने हैं। वर्षों से इनका मेनटेनेंस नहीं हुआ है। जब बात कविता सेठ को ठहराने की हुई थी, तब बीएसटीडीसी ने सभी कमरों की हालत को देखते हुए सबसे बेहतर कमरा (रूम नंबर-103) में उन्हें ठहराने का निर्णय लिया। इसका एयरकंडीशंड सबसे बेहतर काम कर रहा था। इसके बाद स्थिति ऐसी थी कि वे वहां एक घंटे भी नहीं ठहर सकीं। कविता सेठ जब होटल शिफ्ट कर रही थीं, तो वे हसबेंड के साथ थीं। टूरिज्म डिपार्टमेंट की ओर से कोई कर्मचारी भी उनके साथ नहीं था। हां, सिक्योरिटी को लेकर जहानाबाद की पुलिस उन्हें एयरपोर्ट से ही एक जिप के  साथ एस्कॉर्ट कर रही थी।

 

Posted By: Inextlive