अब पीआर एजेंसीज की बल्ले-बल्ले
हाईटेक चुनाव की तैयारी
यह तय हो चुका है कि 2014 का चुनाव हाईटेक होने जा रहा है। कई कंडीडेट की कॉल और एसएमएस अभी से वोटर्स के मोबाइल पर पहुंचने लगे हैं। कोई त्यौहारों के बहाने बधाई देकर अपने वोटर को रिझाने की कोशिश कर रहा है तो कोई नये साल की बधाई देकर। चुनाव की डेट अभी कंफर्म नहंीं है, इसलिए सीधे चुनाव की बात कोई नहीं कर रहा है.
शिवपाल ने किया फोन तो नकुल ने भेजा मैसेज
नये साल पर समाजवादी पार्टी गवर्नमेंट में पीडब्लूडी मिनिस्टर शिवपाल सिंह यादव ने प्रदेश भर में लाखों लोगों के मोबाइल पर रिकॉर्डेड कॉल के जरिये बधाई दी, वहीं बीएसपी के लखनऊ से लोक सभा कंडीडेट नकुल दूबे ने लोगों के मोबाइल पर मैसेज गेटवे से मैसेज देकर लोगों को शुभकामनाएं दीं.
पार्टी दफ्तरों में लगा रहे चक्कर
समाजवादी पार्टी के एक नेता की मानें तो रोज दर्जनों की संख्या में पब्लिक के बीच प्रचार के लिए अलग-अलग ऑफर लेकर आ रहे हैं। इन ऑफर पर फिलहाल कोई डिसीजन पार्टी लेवल पर नहीं लिया जा रहा है। क्योंकि इसे अगर चुनाव आचार संहिता में शामिल कर लिया गया तो पार्टी के ऊपर एक्स्ट्रा भार पड़ जाएगा। यही हाल बीएसपी पार्टी दफ्तर का भी है। हालांकि यहां किसी ने भी इस बारे में बात करने से मना कर दिया.
कंडीडेट को भी कर रहे फॉलो
ऐसा नहीं है कि पीआर कंपनीज या सर्विस प्रोवाइडर सिर्फ पार्टी लेवल पर नेताओं को रिझा रही हैं, बल्कि कंडीडेट्स के पास भी इस तरह की कंपनीज के लोग पहुंच कर लुभावने ऑफर दे रहे हैं। कोई पचास हजार में एक लाख एसएमएस दे रहा है, तो कोई पचास हजार रुपये में एक लाख एसएमएस और एक लाख कॉल दोनों का ऑफर दे रहा है.
चुनाव आयोग की गाइड लाइन का है इंतजार
सोर्सेज की मानें तो पॉलीटिकल पार्टीज को चुनाव आयोग की गाइडलाइन का इंतजार है। अगर मीडिया के इस माध्यम को भी आचार संहिता में मान कर खर्च जोडऩा शुरू कर दिया तो शायद ही कोई इस माध्यम में इंवेस्ट करे। एक पब्लिक रिलेशन एजेंसी के सीईओ विशाल मिश्रा की मानें तो किसी पार्टी और किसी कंडीडेट के लिए रेट अलग-अलग हैं। स्टेट लेवल पर पब्लिक रिलेशन मेंटेन करने के लिए दस से पंद्रह लाख रुपये खर्च होंगे। जबकि किसी इंडीविजुअल कंडीडेट यानी किसी एक डिस्ट्रिक्ट के लिए यह रेट पचास हजार रुपये तक होगा। वहीं एसएमएस और कॉल का रेट अलग-अलग हैं.
क्या कहते है जानकार
हमारी पार्टी के लोगों का पब्लिक रिलेशन इतना है कि उन्हें किसी कंपनी को हायर करने की जरुरत नहीं है। जहां तक एसएमएस और रिकार्डेड कॉल से कैंपेन करने की बात है तो इसके लिए चुनाव आयोग की गाइडलाइन देखनी पड़ेगी.
राजेंद्र चौधरी स्पोक पर्सन, समाजवादी पार्टी.