yasir.raza@inext.co.inराजधानी की सबसे खास इमारतों विधानभवन एनेक्सी और बापू भवन में सुरक्षा से खिलवाड़ हो रहा है. न तो इन जगहों पर कहीं डीएफएमडी डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर लगाया गया है और न ही कहीं प्रॉपर चेकिंग की व्यवस्था की गई है. अगर यह हाल हाईअलर्ट और आईबी इनपुट के बाद है तो आम दिनों के हालात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. आईनेक्स्ट के अंडर कवर रिपोर्टर सैयद यासिर रजा के साथ फोटो जर्नलिस्ट आशीष पांडेय ने फ्राइडे को सिटी की इन तीनों महत्वपूर्ण बिल्डिंग्स की सिक्योरिटी की रियल्टी जानने की कोशिश की. इस स्टिंग के दौरान इन तीनों इमारतों की सुरक्षा में जो तस्वीर सामने आई उससे यही लगता है कि यहां न तो किसी अलर्ट का कोई मतलब है और न ही गणतंत्र दिवस की अहमियत का. पेश है आई नेक्स्ट की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट...


बिल्डिंग के अंदर नहीं उस पार की चिंता

विधानभवन के ठीक सामने संडे को 26 जनवरी के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए बिल्डिंग के दूसरी ओर लगभग 25 फुट ऊंची कनात लगायी गयी है ताकि दूसरी ओर से कोई अवरोध उत्पन्न न होने पाये। कुल मिलाकर बिल्डिंग के उस पार की तो चिंता है सुरक्षा एजेंसियों को लेकिन बिल्डिंग के अंदर क्या हो रहा है इसकी फिक्र कहीं नहीं दिखी.

बेधड़क मिल गई एंट्री

विधानभवन में एंट्री करने के लिए चार गेट हैं। दो गेट से फोर व्हीलर और दो गेट से टू व्हीलर की एंट्री होती है। टू व्हीलर के लिए गेट नम्बर 9 और गेट नम्बर पांच से एंट्री पर बैग की कोई चेकिंग नहीं हुई, जबकि हर गेट पर तीन से पांच पुलिस कर्मी हर वक्त तैनात रहते हैं। आई नेक्स्ट टीम ने गेट नम्बर 9 से 12 किलो वेट के एक ब्लैक कलर बैग के साथ एंट्री की। बैग चेक करना तो दूर किसी ने पूछने की भी जहमत नहीं की कि बैग में क्या है.

कहीं नहीं हुई चेकिंग

एंट्री करने के बाद रिपोर्टर अपने फोटो जर्नलिस्ट के साथ मेन बिल्डिंग में सेकेंड फ्लोर पर सीएम अखिलेश यादव के ऑफिस के सामने से होता हुआ स्टेयर से सीधे गेट नम्बर एक के पास बने पार्क एरिया में पहुंच गया। पार्क में बैग को छोड़कर काफी देर तक इधर-उधर घूमने के बाद भी उस बैग पर किसी की नजर नहीं पड़ी। यहां तक कि बिल्डिंग के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे के सामने से भी कई बार गुजरने के बाद भी बैग के बारे में किसी ने नहीं पूछा। लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव, परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव और बेसिक एजुकेशन मिनिस्टर राम गोविंद चौधरी के ऑफिस के बाहर भी बैग रखकर वेट किया गया लेकिन कहीं कोई पूछने वाला नहीं था.

गेट नम्बर पांच पर निभाई जाती रही फॉर्मेल्टी

आई नेक्स्ट इनवेस्टीगेशन टीम विधानभवन के छह नम्बर गेट से निकल पर गेट नम्बर पांच से विधानभवन में दोबारा एंट्री की। यहां भी लगभग आधा दर्जन पुलिसकर्मी तैनात थे। इस गेट पर भी किसी पुलिसकर्मी ने चेक करने या पूछने की जहमत नहीं उठायी कि बैग में क्या है?

यह है सचिवालय का हाल

अंडर कवर रिपोर्टर और फोटो जर्नलिस्ट विधानभवन के बाद एनेक्सी पहुंचे तो वहां की तस्वीर भी हैरानी वाली थी। यहां बैठे पुलिस के दो जवान खिड़की से बाहर का नजारा ले रहे थे और जिसकी मर्जी वह एनेक्सी में आ-जा रहा था। 12 किलो का ब्लैक बैग लिये चीफ सेक्रेट्री जावेद उस्मानी और प्रिंसिपल सेक्रेट्री होम अनिल कुमार गुप्ता के ऑफिस तक पहुंच गये। हैरानी यहां भी हुई। किसी ने बैग के बारे में कुछ नहीं पूछा.

कहीं नहीं डीएफएमडी

लगभग यही हाल बापू भवन सचिवालय का भी था। यहां भी एंट्री के समय किसी ने बाइक की ओर देखा भी नहीं। पूरे सचिवालय में विधानभवन से लेकर बापू भवन तक में डीएफएमडी और एचएमडी नहीं दिखा। विधानभवन कैंपस में एंट्री के बाद मेन बिल्डिंग में एंट्री के चार में से तीन गेट पर कोई सिक्योरिटी चेक नहीं था। कुछ सिक्योरिटी कर्मी और मार्शल धूप सेंकते नजर आये तो कुछ हीटर के गर्म आंच का लुत्फ लेते दिखे.

डेली आते हैं लगभग दस हजार लोग

एक सिक्योरिटी कर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन बिल्डिंग्स में डेली कम से कम दस हजार लोग आते हैं। अधिकतर मिनिस्टर और प्रिंसिपल सेक्रेट्री भी इन्हीं बिल्डिंग्स में ही बैठते हैं। ऐसे में सिक्योरिटी का यह हाल सोचने के लिए मजबूर करता नजर आता है.

क्‍या कहते है जानकार

26 जनवरी की सुरक्षा के मद्देनजर सभी सिक्योरिटी कर्मियों के साथ मीटिंग में चेकिंग की ताकीद की गयी थी। उसके बाद भी अगर ऐसा है तो यह बहुत ही गंभीर चिंता की बात है। जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। जनार्दन तिवारी चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर सचिवालय प्रशासन.

Posted By: Inextlive