पुलिस 20 संदिग्ध मोबाइल नंबर रडार पर लेकर कर काम

एसएसपी ने खुलासे के लिए दिया था सात दिन का अल्टीमेटम

चार दिन बाद भी बदमाश पुलिस की पकड़ से बाहर

Meerut। सिविल लाइन पुलिस के पास सिर्फ तीन दिन बचे हैं। अगर डकैती की घटना का खुलासा नहीं हुआ तो सीओ से लेकर बीट कांस्टेबल तक पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। एसएसपी अखिलेश कुमार का कहना है कि डकैती के खुलासे को सात दिन का अल्टीमेटम दिया गया था, जिसमें से चार दिन निकल चुके हैं। तीन दिन में अगर रिजल्ट सामने नहीं आया तो अधिकारी अपनी सजा भुगतने को तैयार रहें।

बदमाश पकड़ से बाहर

बदमाशों को तलाशने के लिए पुलिस ने रात-दिन एक किए हुए हैं लेकिन अभी तक पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही है। इंस्पेक्टर सिविल लाइन रजनेश तिवारी का कहना है कि 20 नंबर संदिग्ध मिले थे। जिन्हें मोबाइल टावर के जरिए बीटा यानि बेस ट्रांससीवर स्टेशन से उठाया गया था। उनकी लोकेशन तीन से चार घंटे में बदल जाती है। कभी मुंबई तो कई गुजरात की लोकेशन मिल रही है। इसी आधार पर ही पुलिस टीम को रवाना किया गया है।

यह था मामला

गत 13 सितंबर को मोहनपुरी में सात बदमाशों ने सिंचाई विभाग के रिटायर्ड जेई श्रीप्रकाश गोयल व उनके किराएदार डीएम कार्यालय में सहायक राकेश गुप्ता के घर पर डकैती डाल दी थी। घर में परिवार के सदस्यों को बंधक बनाकर लाखों के जेवर व नकदी लूट कर ले गए थे। जबकि उनके घर से सीओ सिविल लाइन का ऑफिस चंद कदम की दूरी पर है।

क्राइम ब्रांच के साथ एसटीएफ

डकैती की घटना के खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच के साथ-साथ एसटीएफ भी जुट गई है। हर उस एंगल पर काम किया जा रहा है, जिससे बदमाशों तक पहुंचा जा सके। पुराने बदमाशों का डाटा खंगालकर उनसे पूछताछ की जा रही है। हालांकि बदमाशों की लाल रंग की कार से जुड़ा कोई सुबूत पुलिस अभी तक तलाश नहीं कर पाई है।

Posted By: Inextlive