लोकसभा चुनाव में दागियों की दाल बड़ी मुश्किल से गलेगी. चुनाव आयोग ने सभी आपराधिक प्रवृत्ति के कैंडिडेट्स पर लगाम कसने के लिए इस बार कड़े कदम उठाए हैं.


- ईसीआई के निर्देश पर प्रशासन ने कैंडिडेट्स को दी जानकारी- नॉमिनेशन फाइनल होने के बाद तीन बार पब्लिश कराना है मुकदमों का ब्यौरा- वहीं फॉरेन में सम्पत्तियों के साथ पॉल्यों की सम्पत्ति का भी देना होगा ब्यौराGorakhpur@inext.co.inGORAKHPUR: लोकसभा चुनाव में दागियों की दाल बड़ी मुश्किल से गलेगी. चुनाव आयोग ने सभी आपराधिक प्रवृत्ति के कैंडिडेट्स पर लगाम कसने के लिए इस बार कड़े कदम उठाए हैं. एक तरफ जहां उन्हें नए फॉर्मेट में अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों का हिसाब देना होगा, तो वहीं कैंडिडेचर फाइनल होने के बाद इसका इश्तेहार भी देना होगा कि वह दागी है और उनके ऊपर कितने मुकदमें दर्ज हैं. यह सिर्फ एक बार नहीं बल्कि नॉमिनेशन से लेकर चुनाव की डेट के बीच तीन बार करना है. इससे अपराध करने के बाद भी सफेदपोश बने लोग बेनकाब होंगे और वोटर्स को भी सही कैंडिडेट्स चुनने में आसानी होगी.



सर्कुलेशन का रखना है ख्याल

आपराधिक छवि के कैंडिडेट्स पर इस बात की भी सख्ती होगी कि वह सिर्फ कोरम पूरा करने के लिए इश्तेहार नहीं देंगे. बल्कि उन्हें अपने एरिया के सबसे ज्यादा सर्कुलेशन वाले न्यूज पेपर्स को चुनना होगा, जहां से आम लोगों को उनके बारे में जानकारी मिल सके. यही नहीं अगर उन्होंने इलेक्शन कमिशन के इस निर्देश का पालन नहीं किया, तो उनका कैंडिडेचर निरस्त भी हो सकता है. वहीं, अगर उन्होंने पहले गलत सूचना का एफिडेविट दिया है और उसे दुरुस्त कराना चाहते हैं, तो उन्हें फाइनल लिस्ट डिक्लेयर होने से पहले काउंटर एफिडेविट देना होगा. यह दोनों एफिडेविट चुनाव आयोग को भी भेजा जाएगा. सम्पत्ति भी नहीं छिपा सकेंगे कैंडिडेट्सएक तरफ जहां आपराधिक लोगों पर लगाम कसने की तैयारी है, तो वहीं दूसरी ओर अकूत जायदाद रखने वालों पर भी ईसीआई की टेढ़ी नजर है. इस बार फॉर्म 26ए में कैंडिडेट्स को अपनी देशी सम्पत्ति के साथ ही विदेश की सम्पत्ति का ब्यौरा भी देना होगा. इतना ही नहीं उनकी पत्नी और बच्चों के नाम पर भी अगर कोई जायदाद है, तो उसको भी एफिडेविट में दर्ज करना होगा. इस बार से इसे भी एफिडेविट में शामिल कर दिया गया है. इस बार से कैंडिडेट्स को तीन बार इश्तेहार देकर बताना होगा कि उनके ऊपर कितने आपराधिक मुकदमें चल रहे हैं. वहीं, देशी और विदेश सम्पत्तियों के ब्यौरे के साथ ही पाल्यों की सम्पत्ति का ब्यौरा भी देना है.- अनुज सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी

Posted By: Syed Saim Rauf