बसपा और सपा गठबंधन द्वारा रायबरेली व अमेठी लोकसभा सीट पर चुनाव लडऩे की सुगबुगाहट के बीच कांग्रेस ने सपा-बसपा व आरएलडी के प्रमुख नेताओं के खिलाफ सात सीटों पर प्रत्याशी न उतारने का फैसला किया है।

- दो के मुकाबले सात सीटों पर प्रत्याशी न उतारने का किया एलान
-मायावती, मुलायम, अखिलेश, अजित, डिंपल, जयंत व अक्षय यादव के खिलाफ पार्टी नहीं उतारेगी उम्मीदवार
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LUCKNOW: बसपा और सपा गठबंधन द्वारा रायबरेली व अमेठी लोकसभा सीट पर चुनाव लडऩे की सुगबुगाहट के बीच कांग्रेस ने सपा-बसपा व आरएलडी के प्रमुख नेताओं के खिलाफ सात सीटों पर प्रत्याशी न उतारने का फैसला किया है। जिन सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी नहीं उतारेगी उसमें मायावती, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, डिंपल यादव, अजित सिंह, जयंत चौधरी और अक्षय यादव की सीटें शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस का यह कदम भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बीच बीते दिनों मेरठ में हुई मुलाकात के बाद मायावती की नाराजगी को कम करने के लिए उठाया गया है।

सहयोगी दलों को नौ सीटें

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए कहा कि अनावश्यक आपसी टकराव उचित नहीं है। कांग्रेस कन्नौज, मैनपुरी, आजमगढ़, फीरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, बागपत के साथ ही मायावती जिस सीट से चुनाव लड़ेंगी वहां से प्रत्याशी नहीं उतारेगी। राजबब्बर ने बताया कि कांग्रेस ने अपना दल (कृष्णा पटेल) के लिए दो सीटें छोड़ी है। गोंडा व पीलीभीत संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस अपना दल (कृष्णा पटेल) के उम्मीदवारों को समर्थन देगी। इसके अलावा पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के संरक्षण वाली जन अधिकार पार्टी (जेएपी) को भी सात सीटें दी गई हैं जिसमें से पांच पर जेएपी अपने चुनाव निशान पर और दो सीटों पर कांग्रेस के चिन्ह पर  उम्मीदवार उतरेंगे। जेएपी से गठजोड़ के तहत जो सात सीटें छोड़ी गई हैं, उसमें चंदौली, झांसी, बस्ती व एटा सीटें भी शामिल हैं। पांचवी सीट का फैसला जल्द ही होगा। जिन दो सीटों पर कांग्रेस के निशान पर जेएपी के प्रत्याशी होंगे, उसमें से एक गाजीपुर भी है।

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Posted By: Shweta Mishra