पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं में शुमार पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की पुत्री तनुश्री त्रिपाठी का सियासी सफर शुरू होने के साथ ही विवादों में घिर गया।

- तनुश्री का गिरा विकेट, पत्रकार सुप्रिया बनीं प्रत्याशी
- 12 घंटे के भीतर कांग्रेस ने महराजगंज में बदला प्रत्याशी
- इटावा में भी फेरबदल, अशोक दोहरे बने कांग्रेस के प्रत्याशी

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LUCKNOW: पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं में शुमार पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की पुत्री तनुश्री त्रिपाठी का सियासी सफर शुरू होने के साथ ही विवादों में घिर गया। महराजगंज सीट से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही तनुश्री को कांग्रेस ने भी टिकट दिया जो 12 घंटे के भीतर निरस्त कर दिया गया। गुुरुवार आधी रात जारी कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची में यूपी की महराजगंज सीट से तनुश्री त्रिपाठी का टिकट फाइनल किया गया था। जैसे ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को पता चला कि तनुश्री को प्रसपा पहले ही टिकट दे चुकी है उनका टिकट वापस ले लिया गया। यहां से अब एक न्यूज चैनल की पत्रकार सुप्रिया श्रीनेत को प्रत्याशी बनाया है।

प्रियंका से की थी मुलाकात

इस चूक की वजह पूर्वांचल के कुछ वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को बताया जा रहा है जिन्होंने बिना छानबीन तनुश्री के नाम पर मुहर लगा पार्टी हाईकमान से टिकट की सिफारिश की थी। वहीं सुप्रिया भी इस सीट से दावेदार थीं। पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रियंका गांधी के चार दिवसीय लखनऊ दौरे के दौरान सुप्रिया ने उनसे मुलाकात की थी। सुप्रिया के पिता हर्षवर्धन 1989 में जनता दल से महराजगंज से सांसद चुने गये थे।
इटावा में दोहरे ने दिया दांव
वहीं दूसरी ओर इटावा में भाजपा सांसद अशोक कुमार दोहरे ने टिकट कटने के बाद पार्टी को छोड़ कांग्रेस की सदस्यता ले ली। शुक्रवार को उन्होंने नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की जिसके बाद कांग्रेस ने उनको इटावा से प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। ध्यान रहे कि भाजपा ने इटावा से रामशंकर कठेरिया को प्रत्याशी घोषित किया है। कठेरिया आगरा से दो बार सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने आगरा में बसपा प्रत्याशी को हराया था। वहीं अशोक दोहरे एसटी-एसटी एक्ट को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखने के बाद सुर्खियों में आए थे। पार्टी के कई दलित सांसदों की तरह उन्होंने भी दलितों पर दर्ज मुकदमों को लेकर पार्टी की घेराबंदी करने का प्रयास किया था।

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Posted By: Shweta Mishra