- लोकपाल ने भी माना कि उपभोक्ताओं का हो रहा शोषण

- विभाग छुपा रहा उपभोक्ताओं से उपभोक्ता व्यथा फोरम की जानकारी

- लोकायुक्त के आदेश के बावजूद बिजलीघरों पर नहीं लगाई फ्लेक्स

Meerut: उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन के लोकपाल ने भी माना कि पॉवर कारपोरेशन में उपभोक्ताओं का शोषण हो रहा है। उन्होंने खुद ही इसके आंकड़े दिए। उन्होंने बताया कि जितने भी मामले फोरम में आए हैं, उसमें करीब 70 प्रतिशत मामले उपभोक्ताओं के पक्ष में हुए हैं। विभाग के अधिकारी विद्युत व्यथा उपभोक्ता निवारण फोरम की जानकारी उपभोक्ताओं से छुपा रहे हैं। आदेश के बावजूद अभी तक शहर में एक भी स्थान फ्लेक्स या फिर दीवार लेखन नहीं कराया है।

नियम की जानकारी नहीं है

लोकपाल ने यह भी माना कि मेरठ शहर के अधिकारियों को विभाग के नियमों की भी जानकारी नहीं है। सोमवार को सुनवाई के दौरान जब एक्सईएन स्तर के अधिकारियो से नियम के बारे में पूछा गया तो चारों अधिकारियों की अलग राय थी। जबकि नियम उससे अलग था।

क्यों नहीं लगाए बैनर

लखनऊ से आए लोकपाल आरएस पांडे ने एमडी अभिषेक प्रकाश से पूछा कि अभी तक उपभोक्ताओं को व्यथा फोरम की जानकारी देने के लिए बिजली घरों पर फ्लेक्स क्यों नहीं लगाए गए। दीवारों पर लेखन कार्य क्यों नहीं कराया गया। जानकारी के अभाव में उपभोक्ताओं का शोषण किया जा रहा है।

जानकारी का अभाव

विद्युत व्यथा उपभोक्ता निवारण फोरम की जानकारी न होने के कारण कम मामले आते हैं। यदि उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी हो जाए तो अधिक मामले सामने आएंगे। उपभोक्ताओं का इसका लाभ होगा।

इस दौरान लोकपाल आरएस पांडे, अखिल कुमार, उपभोक्ता फोरम से अध्यक्ष अशोक अग्रवाल, सचिव राकेश कुमार, टेक्निकल हेड राजकुमार रस्तोगी, एमडी अभिषेक प्रकाश, चीफ इंजीनियर राधेश्याम यादव आदि मौजूद रहे।

प्रदेश में आए कुल मामले और उनका हल

2015-16 - 276

फैसला- 215

उपभोक्ताओं के पक्ष में- 184

2016-17 - 134

फैसला- 62

उपभोक्ताओं के पक्ष में - 44

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड

2015-16 - 246

फैसला- 200

उपभोक्ताओं के पक्ष में- 183

201617 - 59

फैसला- 34

उपभोक्ताओं के पक्ष में - 30

Posted By: Inextlive