एनसीजेडसी में आयोजित हुआ लोक गीत पुनरूद्धार कार्यक्रम

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ALLAHABAD: ग्रामीण इलाकों में वर्षो से गाए जाने वाले पारम्परिक लोकगीत अब कभी-कभी सुनाई देते हैं। या यूं कहें कि अब इनका अकाल सा आ गया है। इन्हीं लुप्तप्राय लोकगीतों को फिर से नई पीढ़ी के मन में रोपित करने के लिए संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से टयूजडे को एनसीजेडसी हॉल में लोक गीत पुनरूद्धार कार्यक्रम आर्गनाइज किया गया। जिसमें कलाकारों ने लोकगीतों की झड़ी लगा दी।

सम्मानित भी किया गया

गुडि़या, रागिनी पटेल, लक्ष्मी मौर्या, नीता भारती, मुक्ता पटेल, शिल्पा भारती, प्रियंका शर्मा, आसाराम पटेल, कृष्ण कुमार, मुन्ना लाल, राम देव ने कई लोकगीत सुनाए। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि लोक कला शिरोमणि राधेश्याम यादव को सम्मानित किया गया। चीफ गेस्ट लल्लन सिंह गहमरी को भी सम्मानित किया गया। लोक गीत पुनरूद्धार का काम जागृति लोकगीत मंडल के निदेशक रामसूरत दीवाना ने शुरू किया है। जिन्होंने अपने प्रयास से पुराना विरहा, प्रीतम गीत, सोहर, कजली, संस्कार गीत, पासी गीत, होरी, धोबी गीत व औरतों द्वारा गाए जाने वाले जतसार गीत को नया रूप दिया है।

Posted By: Inextlive