मॉनसून सत्र में पेश होगा बिल
नई दिल्ली में कपिल सिब्बल और पवन कुमार बंसल के साथ पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए गृहमंत्री पी चिदबंरम ने कहा, “संसद के सामने जो बिल रखा जाएगा वो ज़्यादातर लोगों को संतुष्ट कर पाएगा और उम्मीद करनी चाहिए कि अन्ना को दोबारा अनशन पर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.”
हालांकि मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने ये बात भी जोड़ दी कि सरकार ने केवल इतना भर कहा है कि बिल संसद में पेश किया जाएगा। उनका कहना था, “हमने ये नहीं कहा कि हम बिल पारित भी करवा लेंगे.”चिदबंरम ने कहा कि बिल पारित होता है या नहीं ये सासंदों और सारी प्रक्रियाएँ मानने की उनकी इच्छा पर निर्भर करेगा।प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने का सवाल भी पत्रकार वार्ता में उठा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कह चुके हैं कि निजी तौर पर उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है।इस पर सफ़ाई देते हुए कपिल सिब्बल ने कहा, “ये प्रधानमंत्री की निजी राय है। हमें संवैधानिक संस्थानों का बचाव करना है, हो सकता है कि आगे जाकर केंद्र में कांग्रेस का प्रधानमंत्री न हो, पर हम सबका बचाव करना चाहते हैं.”
'संविधान के दायरे में हो सब कुछ'
मंत्रियों ने ये भी बताया कि कई पार्टियों ने नागरिक समाज के सदस्यों को दी गई अहमियत पर भी नाराज़गी जताई।
कपिल सिब्बल ने कहा कि उस समय परिस्थिति ऐसी थी कि जनता की आवाज़ को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अन्ना और उनके सहयोगियों को लोकपाल ड्राफ़्टिंग समिति में शामिल करने का फ़ैसला किया।