-अब भी कांग्रेस से समर्थन मिलने की उम्मीद कायम

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MADHUBANI/PATNA : एक्स सेंट्रल मिनिस्टर और कांग्रेस के सीनियर लीडर डॉ शकील अहमद ने बागी बन गए हैं. उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है और मंगलवार को मधुबनी लोकसभा क्षेत्र से नामांकन की घोषणा की है. हालांकि उन्हें अब भी उम्मीद है कि 18 अप्रैल तक कांग्रेस पार्टी से ¨सबल या समर्थन मिल जाएगा. वे सोमवार को मधुबनी शहर स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के तहत सुपौल लोस क्षेत्र कांग्रेस के हिस्से में है. लेकिन, वहां कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत रंजन के विरुद्ध राजद के एक नेता ने निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया. बताया गया कि राजद ने उसका समर्थन भी कर दिया है. इसी तरह वे भी मधुबनी से नामांकन करेंगे.

वीआईपी को सीट देने से नाराजगी

शकील का यह तेवर कांग्रेस के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है. वे अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी के कांग्रेसी हैं. विधायक, राज्य और केंद्र सरकार में मंत्री के अलावा देश के स्तर पर उनकी पहचान कांग्रेस के मुखर प्रवक्ता के रूप में रही है. 2014 में भी कांग्रेस ने उनकी मधुबनी सीट तालमेल के तहत राजद को दे दी थी. शकील उस समय भी नाराज हुए थे. लेकिन, इसबार फिर बेटिकट होने पर उनके सब्र का बांध टूट गया. पार्टी के कार्यकर्ता भी चुनाव लड़ने के लिए उनपर दबाव बना रहे थे. नाराजगी इस बात को लेकर अधिक है कि कांग्रेस की परम्परागत सीट वीआईपी जैसी नई पार्टी को दे दी गई और बाहर से लाकर उम्मीदवार थोप दिया गया. मधुबनी के महागठबंधन के उम्मीदवार बद्री पूर्वे की पहचान जमीन कारोबारी की है. डा. अहमद ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि अगर किसी गैर-राजनीतिक व्यक्ति को महागठबंधन का उम्मीदवार बनाया गया तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.

Posted By: Manish Kumar