GORAKHPUR : सिटी के जिस नटवर लाल की तलाश में पुलिस कई शहर और प्रदेश में चक्कर लगा कर लौट आई थी. उसकी सिटी से गिरफ्तारी की पुलिस की थ्योरी कुछ अलग कहानी ही बयां कर रही है. शहर को ठगी का वर्किंग सेंटर बनाने वाला प्रेम प्रकाश वारदात को अंजाम देकर निकल चुका था फिर आखिर वह शहर क्यों लौटा? एक तरफ पुलिस और क्राइम ब्रांच उसकी तलाश कर रही थी और वह बाइक से सिटी में घूम रहा था. पुलिस की इस थ्योरी से भी कई सवाल खड़े हो गए हैं जिसका जवाब पुलिस के पास भी नहीं है.


एडमिशन दिलवाने के नाम पर ठगे थे करोड़ों रुपए


सिटी की पुलिस को उस समय एक बड़ी कामयाबी मिली जब सैटर्डे को प्रेम प्रकाश विद्यार्थी उनसे हत्थे चढ़ गया। प्रेम ने देश के नामी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर लोगों को करोड़ों रुपए की चपत लगाई थी। इस गेम का मास्टर माइंड प्रेम प्रकाश विद्यार्थी को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। उसके पास से लैपटॉप, कैश, ज्वेलरी, बाइक और कुछ पम्पलेट बरामद हुए हैं। हालांकि पुलिस इस गेम में शामिल छात्र नेता और अन्य आरोपियों को अभी पकड़ नहीं सकी है। इस मामले में पुलिस पहले ही फर्म की एकाउंटेंट को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। एसएसपी प्रदीप यादव के अनुसार प्रेम प्रकाश से पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि कई कॉलेजों के मालिकों से उसका संपर्क था और पैसा लेकर एडमिशन कराया जाता था। हालांकि अभी तक पुलिस के हाथ उन सफेदपोश लोगों तक नहीं पहुंचे हैं। बता दें कि आई नेक्स्ट ने अपने 17 सितंबर के अंक में 'कौशल का महाखेल प्रेम' हेडिंग से न्यूज पब्लिश कर ठगी के इस खेल में शामिल छात्र नेता का खुलासा किया था।कहीं गिरफ्तारी सौदेबाजी तो नहीं?

प्रेम की गिरफ्तारी कहीं सौदेबाजी का नतीजा तो नहीं? क्योंकि इस गेम में सिटी के एक नामी छात्र नेता के साथ कई और लोग भी शामिल थे। अन्य आरोपी सिटी के होने के बाद भी पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी, जबकि बिहार के प्रेम प्रकाश को सिटी से गिरफ्तार किया गया। कुछ दिन पहले पुलिस उसकी तलाश में बिहार स्थित उसके घर भी गई थी। यही नहीं मुथरा समेत कई और ठिकाने पर पुलिस ने छापेमारी की थी। वारदात को अंजाम देकर बड़े आराम से भागने वाला प्रेम प्रकाश आखिर शहर क्यों लौटा? उसके लौटने के पीछे क्या कारण थे? कहीं उसकी गिरफ्तारी सौदे के तहत तो नहीं हुई? ऐसे कई सवाल हैं जिसके जवाब पुलिस के पास नहीं है। इंजीनियर है मास्टर माइंड

औरंगाबाद बिहार के वारून फतेहपुर का रहने वाला प्रेम प्रकाश सिंह विद्यार्थी उर्फ कन्हैया लाल कुशवाहा उर्फ अमन को लोग अलग-अलग नामों से जानते है। प्रेम ने मथुरा के जीएलए इंजीनियरिंग कालेज से बीटेक किया था। किसान का बेटा प्रेम आईआईटी की तैयारी करने के लिए गोरखपुर आया था, जिसके बाद चतुर्वेदी कॉम्प्लेक्स में किराए पर दुकान लेकर कैरियर एजुकेशन फर्म की शुरुआत की थी। जल्द अमीर बनने की चाह में उसने एडमिशन के लिए पहले काउंसिलिंग का काम शुरू किया और फिर एडमिशन दिलाने के नाम पर लोगों से मोटी रकम वसूलने लगा।रकम को लेकर भी अलग थ्योरीप्रेम प्रकाश द्वारा ठगे गए रकम को लेकर भी पुलिस की थ्योरी कुछ अलग है। पीडि़तों का कहना है कि एडमिशन के नाम पर करीब 3 करोड़ रुपए वसूले गए थे जबकि पुलिस का कहना है कि एक करोड़ की ठगी की गई थी।धोखेबाजों से कराता था अवेयर   कहते है एक कुशल खिलाड़ी खेल के सभी दांव पेंच जानता है। प्रेम प्रकाश भी कुछ ऐसा था। उसने लंबे फ्रांड की रूपरेखा पहले ही बना ली थी। लोगों को पूरी तरह जाल में फांसने के लिए जो पम्पलेट बंटवाए थे उसमें भी उसने धोखेबाजों से अवेयर रहने की बात लिखी थी। यही नहीं चेतावनी के साथ-साथ धोखेबाजों से कैसे बचें इसके भी उपाय बताए थे। लोगों को जाल में फांसने के लिए वह पैसे लेने के साथ उन्हें एक चेक भी देता था। वह कहता था कि अगर एडमिशन नहीं होगा तो सिक्योरिटी के लिए चेक आपके पास है। हालांकि प्राइवेट बैंक के उस एकाउंट में कभी पैसा नहीं होता था।
एडमिशन के नाम पर फ्रॉड करने वाले प्रेम प्रकाश को अरेस्ट किया गया है। पूछताछ में कुछ इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज के मालिकों का नाम भी प्रकाश में आया है। दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.प्रदीप यादव, एसएसपी

Posted By: Inextlive