-नियम नहीं तो कार्रवाई भी नहीं, गर्मी से सोच-समझकर पीजिए मार्केट में बिकने वाला पानी

-खतरनाक बीमारियां बांट रहा है लूज वाटर

ALLAHABAD: क्या करें मजबूर हैं। जिम्मेदारी इन्हीं के कंधों पर है लेकिन नियम-कानून से बंधे हैं। खुलेआम शहर में जहरीला पानी बिकने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। पब्लिक बीमार पड़े तो पड़े, इससे इन्हें क्या? बात हो रही है मार्केट में बिकने वाले लूज वाटर की। साफ-सफाई और नियम कायदों को ताक पर रखकर बिकने वाला यह पानी लोगों में खतरनाक बीमारियां बांट रहा है।

दो रुपए में बंट रही बीमारियां

ब्ख् डिग्री पारे में घर से बाहर हर कदम प्यास बढ़ती जाती है। ऐसे में कम से कम पैसे में मिलने वाला बाजारू पानी लोगों को खूब भाता है। दो रुपए कीमत के इस पानी को लोग पी तो लेते हैं लेकिन यह भूल जाते हैं कि बदले में उन्हें कई खतरनाक बीमारियां भी सौगात में मिल सकती हैं। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, स्टेडियम, कचहरी से लेकर शहर के हर कोने में पॉलिथिन में बंद लूज वाटर आपको हर दुकान पर मिल जाएगा। इसमें पानी कैसे भरा जा रहा है, पानी कहां से लाया जा रहा है और इसे कहां रखा गया है, इससे लोगों को कोई वास्ता नहीं होता है।

बताते हैं आंखों देखा हाल

बुधवार को आई नेक्स्ट की टीम मार्केट में बिकने वाले लूज वाटर की हकीकत जानने के लिए मदन मोहन मालवीय स्टेडियम के गेट पर स्थित एक दुकान पर पहुंची। लूज वाटर के पाउच एक गंदे प्लास्टिक के डिब्बे में रखे हुए थे। उनमे जो पानी भरा जा रहा था, उसकी हालत भी सही नहीं थी। इनमें से पानी के कुछ पाउच तो दो से तीन दिन पुराने थे। पॉलिथिन में भरा जा रहा पानी कहां से लाया गया है, इसका जवाब भी दुकानदार नहीं दे सका। फिर इसे चेक करने का निर्णय लिया गया। पीछा करने पर पता चला कि दुकानदार खुद ही नगर निगम की टोटियों से बाल्टी में पानी भरते हैं और इसे प्लास्टिक के पाउच में भरकर रबर लगाकर सील कर देते हैं।

कार्रवाई कैसे करें, नियम से बंधे हैं

मार्केट में बिक रहे लूज वाटर पर की चेकिंग के सवाल पर फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एंड ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट के अधिकारी नियमों का हवाला देने लगे। उनका कहना था कि एक्ट में केवल पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर को शामिल किया गया है। लूज वाटर बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई का कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने यह जरूर माना कि लूज वाटर लोगों की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। अधिक से अधिक डिपार्टमेंट इस पानी को डिस्ट्रॉय करा सकता है।

कुल चार कंपनियों का बना है लाइसेंस

दो रुपए में बिकने वाला लूज वाटर पैक्ड ड्रिकिंग वाटर का विकल्प बन चुका है। पैक्ड ड्रिंकिंग वाटर सप्लाई करने का लाइसेंसी सिर्फ चार कंपनियों को मिला हुआ है। ये नियमानुसार प्लांट में पानी को फिल्टर और ओजोनाइज्ड करके बेचती हैं। इसकी कीमत भी दो रुपए ही है लेकिन यह सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाता। इसके उलट लूज वाटर किसी को भी हॉस्पिटल पहुंचा सकता है और धड़ल्ले से बेचा भी जा रहा है।

इस पर रोक लगानी चाहिए

डॉक्टर्स भी मानते हैं कि लूज वाटर की बिक्री पर रोक लगनी चाहिए। यह लोगों में खुलेआम बीमारियां बांट रहा है। इस सीजन में वाटर बांड डिजीजेज के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। बिना साफ-सफाई का ध्यान रखे पॉलिथिन में बेचा जाने वाला यह पानी पीलिया, डायरिया, गैस्ट्रोइंट्राइटिस, अमीबिक डायरिया, हेपेटाइटिस ई और ए, कालरा, अमीबिक डिसेंट्री, टाइफाइड फैला रहा है। शहर में जर्जर पानी की पाइप लाइन और बेहाल ड्रेन सिस्टम के चलते पहले ही लोग बीमार पड़ रहे हैं। ऐसे में लूज वाटर की बिक्री सिचुएशन को नाजुक बना सकती है। डॉक्टरों की मानें तो प्रशासन को तत्काल बिक रहे लूज वाटर की बिक्री पर रोक लगानी चाहिए।

बिना फिल्टर प्लांट के सीधे पॉलिथिन में पानी भरकर बेचना गलत है। यह कई खतरनाक वाटर बांड डिजीजेज बढ़ा रहा है। अक्सर लोग भीषण गर्मी में यह पानी पीकर हॉस्पिटल पहुंच जाते हैं। हमेशा पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर ही पीना चाहिए।

डॉ। ओपी त्रिपाठी, फिजीशियन

शहर में वाटर सप्लाई पहले से ही खस्ताहाल है। इससे गर्मी में वाटर बांड डिजीजेज के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में लूज वाटर लोगों के लिए किसी जहर से कम नहीं है। इसे अवॉयड करना चाहिए। अधिकारियों को जनहित में अभियान चलाकर इस गोरखधंधे को बंद कराना होगा।

डॉ। सुबोध जैन, फिजीशियन

एक्ट में लूज वाटर पर कार्रवाई का कोई प्रावीजन नहीं है। इसके बावजूद ड्राइव चलाकर इसे नष्ट करने की कार्रवाई की जाएगी। नियमानुसार हम केवल पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर में गड़बड़ी के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। वैसे लूज वाटर सेहत के लिए हॉर्मफुल है और लोगों को इसे अवॉयड करना चाहिए।

हरिमोहन श्रीवास्तव,

डीओ, फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एंड ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट

Posted By: Inextlive