RANCHI : गर्मी के दस्तक देते ही कई इलाके ड्राई डोन में तब्दील हो चुके हैं। कुएं सूख चुके हैं तो चापानल शोपीस बनकर रह गए हैं। घरों में पीने के लिए ठीक से दो वक्त का पानी तक नहीं मिल रहा है। यूं कहें कि पानी के लिए हाहाकार मचा है। अब ऐसे इलाकों में करोड़ों की लागत से अल्ट्रा वायलट (यूवी) प्रोसेस से फिल्टर ठंडा स्वच्छ पानी पहुंचाने का पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है। पहले चरण में तीन सरकारी स्कूलों में पानी के टैंक के साथ साथ फिल्टर प्लांट लगाने की तैयारी है। बच्चों के लिए 4000 लीटर की क्षमता वाली पानी की टंकी का निर्माण किया जाएगा। इस टैंक के साथ 80 लीटर की क्षमता का यूवी फिल्टर प्लांट लगाया जाएगा, जिसका संचालन सौर उर्जा से किया जाएगा। लेकिन, विभाग ने जिस तरीके से यह प्लान तैयार क्यिा है, वह स्वच्छ पानी के नाम पर लूट की ही ओर इशारा कर रही है।

डीप बोरिंग कराई जाएगी

विभाग के द्वारा तैयार किये गए प्रस्ताव के अनुसार स्कूलों में सबसे पहले एक 4000 लीटर की क्षमता का पानी का टैंक बनाया जाएगा। इस टैंक को डीप बोरिंग के जरिए जलापूर्ति की जाएगी। इस पानी के टैंक के साथ 80 लीटर पानी एक बार फिल्टर करने वाली यूवी फिल्ट्रेशन प्लांट लगाया जाएगा जो पानी को पूरी तरह साफ कर बच्चों के पीने योग्य बनाएगा।

रसूखदार ठेकेदार भी तय

विभागीय सोर्स का दावा है कि इस काम के लिए एक रसूखदार ठेकेदार का भी चयन कर लिया गया है और टेंडर के बाद टेक्निकल बिड में अन्य लोगों को छांटकर उस ठेकेदार को काम देने की तैयारी कर ली गयी है।

इन तीन स्कूलों में लगेगा प्लांट

पहले फेज में विभाग ने जिन तीन स्कूलों का चयन किया है उनमें रमेश सिंह मुंडा, उच्च विद्यालय, बुंडू, छोटानगपुर राज उच्च विद्यालय रातू और राजकीयकृत उच्च विद्यालय सोसई मांडर में पानी की टंकी और सोलर बेस्ड फिल्टर प्लांट लगेगा।

अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला

इस मामले में जब अधिकारियों से बात की गयी तो सभी पल्ला झाड़ते दिखाई दिए। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सारी प्रक्रिया पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के जिम्मे थोप दी तो पेयजल विभाग के अधिकारी जानकारी नहीं होने की बात कहकर एक दूसरे पर थोपने लगे।

Posted By: Inextlive