RANCHI: तालाब किसी भी शहर में पानी स्टोर करने का एक बड़ा सोर्स माना जाता है। इसे लेकर नगर निगम ने सिटी के तालाबों के गहरीकरण के साथ ही ब्यूटीफिकेशन की भी योजना बनाई है। लेकिन यह योजना ब्यूटीफिकेशन के नाम पर लूट करने की योजना बन गई। इसका अंदाजा बड़गाई बड़ा तालाब को देखकर लगाया जा सकता है। जहां बरसात में लूट का गहरीकरण शुरू हो चुका है। वहीं तालाब से मिट्टी निकालने का काम भी चल रहा है। बारिश के वक्त वही मिट्टी दोबारा से तालाब में जा रही है। जिससे कि ब्यूटीफिकेशन का काम ठप हो जाएगा। वहीं दोबारा से मिट्टी निकालने में काफी पैसे के साथ समय की भी बर्बादी होगी। इसके बावजूद तालाब का काम बदस्तूर जारी है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि बरसात से पहले तालाबों को गहरा कराने का काम क्यों नहीं कराया गया?

सवा दो करोड़ का ब्यूटीफिकेशन

इस तालाब को गहरा करने के साथ ही उसमें सीढि़यों का निर्माण भी कराया जाना है। इसके अलावा तालाब के चारों ओर पाथ-वे भी बनाने की योजना है। इसके लिए नगर विकास ने सवा दो करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है। अबतक तालाब को गहरा करने का काम ही ढंग से नहीं हो पाया है। ऐसे में इस साल तो तालाब के ब्यूटीफिकेशन काम नहीं हो पाएगा। तालाबों को संवारने में लग गए कई साल

बड़गाई बड़ा तालाब से लेकर करमटोली और जोड़ा तालाब को बनाने का काम पिछले तीन साल से चल रहा है। इसमें करोड़ों रुपए भी फूंक दिए गए। करोड़ों खर्च करने के बाद डीपीआर भी बदल दी गई। लेकिन तीन साल बाद तालाबों का आधा काम भी नहीं हो पाया। वहीं तिरील, टुंकी टोली, दिव्यायन तालाब, रिम्स कॉलोनी के पीछे तालाब को संवारने में भी कई साल लग गए। अब जाकर उन तालाबों का काम पूरा हो पाया है।

वर्जन

नगर विकास विभाग से तालाब का काम एक एजेंसी को दिया गया है, जिसके बारे में जानकारी नहीं है। हां, बस इतना पता है कि सवा दो करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे। बार-बार डीपीआर बदली जा रही है तो कुछ बताना मुश्किल है कि तालाब कब पूरा बन पाएगा।

हुस्ना आरा, पार्षद, वार्ड-4

Posted By: Inextlive