-केजीएमयू में यूरो आंकोकॉन 2019 का शुभारंभ

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LUCKNOW:पेट के एक हिस्से में गोला जैसा महसूस होना, रुक-रुक कर बुखार आए, यूरीन में खून आए तो यह किडनी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. मोटे, डायबिटिक और नानवेज खाने वालों को कैंसर का ज्यादा खतरा रहता है. केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कंवेंशन सेंटर में यूरो आंकोकॉन 2019 में एम्स नई दिल्ली के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो. अमलेश सेठ ने यह जानकारी दी.

स्मोकिंग किटनी की दुश्मन

प्रो. सेठ ने बताया कि स्मोकिंग करने से कुछ खतरनाक केमिकल शरीर में चले जाते हैं और फेफड़े, किडनी को डैमेज करते हैं. इस कांफ्रेंस में देश भर के यूरोलॉजिस्ट, आंकोलॉजिस्ट व अन्य डॉक्टर हिस्सा ले रहे हैं.

कोट- फोटो के साथ

रोबोटिक सर्जरी से सटीक इलाज

रोबोटिक सर्जरी से किडनी कैंसर का सटीक इलाज संभव है. इसमें छोटे छेद से ही सर्जरी की जाती है. ब्लीडिंग और संक्रमण का खतरा भी कम होता है. इससे सर्जरी की सफलता दर भी बढ़ी है.

प्रो. अनीस श्रीवास्तव, एसजीपीजीआई

यूपी में ज्यादा मरीज

दक्षिण की तुलना में उत्तर भारत में कैंसर के ज्यादा मरीज हैं. इसका कारण फास्ट या जंक फूड भी हो सकता है. साउथ में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा है, जिसमें 4 लाख का खर्च आता है. यह एक सुरक्षित तकनीक है.

डॉ. मल्लिकार्जुन

तुरंत कराएं अल्ट्रासाउंड

यूरीन कम या ज्यादा हो तो तुरंत अल्ट्रासाउंड कराएं. जिससे पता चले कि किडनी या यूरीन नली में तो कोई दिक्कत तो नहीं है. समय से जानकारी मिलने पर समस्या का निदान संभव है. इसी छिपाना नहीं चाहिए.

डॉ. एमएस अग्रवाल

प्रीजर्व वेजीटेबल्स ठीक नहीं

प्रीजर्व वेजीटेबल किडनी के लिए खतरनाक हैं इसलिए ताजी सब्जियों ही यूज करें. लंबे समय तक किडनी ठीक रखनी है तो जंक फूड से बचना चाहिए. अगर किसी के परिवार में किसी को कैंसर होता है तो आगे की पीढि़यों में इसकी आशंका 50 फीसद अधिक रहती है.

डॉ. एसएन शंखवार केजीएमयू

मोटापा भी है एक कारण

मोटे लोगों को किडनी कैंसर का खतरा अधिक रहता है. पेशाब में खून आना, थकान बनी रहना, पीसीना छूटना, पेट में दर्द जैसी समस्या पर डॉक्टर से जांच कराएं. यह किडनी कैंसर के कारण हो सकता है.

डॉ. एचएस पहवा, केजीएमयू

Posted By: Kushal Mishra