कहते हैं न कि प्‍यार अंधा होता है। अगर सच्‍चा प्‍यार किया है तो वह सारी सरहदों को तोड़कर आपके पास आ ही जाता है। लेकिन इस बीच कोई अड़ंगा लग जाए तो कितनी मुश्‍किल खड़ी हो सकती है इसका अंदाजा चेन्‍नई में रहने वाले सुरेश अच्‍छी तरह से जानते होंगे। पढ़ें पूरी कहानी....

क्या है कहानी
दरअसल चेन्नई में रहने वाला सुरेश नाम का लड़का बेल्िजयम में रहने वाली एक लड़की को दिल दे बैठा। सुरेश को कुछ महीनों पहले ही साराह रोगमेन से प्यार हुआ था। यह प्सार इतना बढ़ा कि उन दोनों ने मिलकर शादी करने का फैसला ले लिया। लेकिन मामला तब बिगड़ा जब साराह मंदिर में शादी के लिए पहुंची तो वहां की कमेटी ने उनका विवाह करवाने से मना कर दिया। मंदिर की तरफ से यह कहा गया था कि, साराह क्रिश्चियन और विदेशी है। ऐसे में उसका विवाह स्वीकार नहीं किया जाएगा। हालांकि उस समय सुरेश ने मामला थोड़ा सुलझाया और एक छोटे मंदिर मे जाकर शादी कर ली।

नहीं मिला मैरिज सर्टिफिकेट

इस प्रेमी जोड़े की शादी तो हो गई, लेकिन समस्या तब आई जब उन्हें मैरिज सर्टिफिकेट नहीं मिला। जिसके चलते कानूनी रूप से साराह को वापस अपने घर जाना पड़ा। हालांकि सुरेश का यह कहना है कि, वह अनुसूचित जाति का है इसलिए उसके विवाह को मंजूरी नहीं मिली। फिलहाल यह नवविवाहित जोड़ा एक-दूसरे के साथ रहने के लिए काफी जद्दोजहद में जुड़ा है। बताते हैं कि साराह और सुरेश की मुलाकात एक शिप पर हुई थी। वहां दोनों कैटरिंग सर्विस में काम करते थे। दोनों के बीच प्यार हुआ और 9 दिन पहले ही तमिलनाडु के नमक्कत जिले के एक छोटे से मंदिर में शादी कर ली।
भारत आने को बेताब है साराह
साराह बताती हैं कि, सुरेश बहुत मददगार थे, वह उनके फोन का हमेशा इंतजार किया करती थी जिसके बाद धीरे-धीरे उनके बीच प्यार पनपने लगा। साराह को भारतीय संस्कृति और परंपराओं से बेहद जुड़ाव महसूस करती हैं। हालांकि साराह यह भी कहती हैं कि, जब तक उनकी शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा तब तक उन्हें वीजा भी नहीं मिलेगा। साराह भारत आने को काफी बेताब हैं।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari