- 8 जोन में सर्वे रिकार्ड लखनऊ पहले पायदान में, मेरठ दूसरे नंबर पर

- राजधानी में 75 फीसदी शिक्षित फिर भी बन रहे ठगी का शिकार

mayank.srivastava@inext.co.in

LUCKNOW :

दुनिया भर की पुलिस बढ़ते साइबर क्राइम के मामलों से हलकान है और इससे निपटने के लिए रोजाना नये तरीके इजाद कर रही है. साइबर दुनिया में अपने कदम बढ़ा रहा यूपी भी इससे अछूता नहीं है. साइबर क्राइम करने वाले जालसाजों के निशाने पर उन शहरों के लोग सबसे ज्यादा हैं जो इंटरनेट की दुनिया से जुड़े है. प्रदेश में साइबर क्राइम के मामलों में नवाबों की नगरी लखनऊ पहले स्थान पर है तो गाजियाबाद और नोएडा के साथ मेरठ जोन इससे थोड़ा सा ही पीछे है.

तीन गुना तक बढ़ा

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक क्राइम रेट में मामले में देश में यूपी का नंबर भले ही 26वां है, जबकि यूपी का साइबर क्राइम कैपिटल राजधानी है. साइबर फ्राड के मामले में लखनऊ अव्वल है. पिछले तीन साल में साइबर क्राइम दो से तीन गुना बढ़ा है. यूपी पुलिस के मुताबिक 2016 में देश के 19 महानगर जहां की जनसंख्या 20 लाख से अधिक है उसमें यूपी के तीन महानगर लखनऊ, गाजियाबाद और कानपुर में क्राइम रेट सबसे अधिक है. वहीं इसमें से भी लखनऊ 550.2 के साथ शीर्ष पर है. लखनऊ में साइबर क्राइम का 2015 का आंकड़ा 700 के करीब था जबकि 2017 में एक हजार तक पहुंच गया. वहीं 2018 में यह बढ़ कर 1500 से ज्यादा हो गया है.

पढ़े-लिखे लोग हो रहे शिकार

राजधानी में 75 फीसदी लोग शिक्षित है इसके बाद भी ठगी के शिकार होने वालों में इनकी संख्या सबसे ज्यादा है. बैंक और साइबर सेल के चेतावनी के बाद भी लोग यहां सबसे ज्यादा ठगी के शिकार हो रहे है. साइबर सेल में हर दिन 10 से 12 शिकायत पहुंची हैं.

एक थाना और सेल के भरोसे

राजधानी में कहने को एक साइबर थाना और एक सेल है जिसके भरोसे साइबर क्रिमिनल्स पर शिकंजा कसा जा रहा है. एसटीएफ (स्पेशल टॉस्क फोर्स) और लोकल स्तर पर साइबर क्राइम सेल है. एसटीएफ में 20 लाख से ऊपर का फ्राड के मामले दर्ज किए जाते है जबकि साइबर सेल में फ्राड के साथ-साथ आईटी एक्ट के तहत होने वाले अपराधों की विवेचना की जाती है.

हर गैंग का अलग तरीका

नाइजीरियन गैंग

तरीका- फिसिंग, जॉब फ्राड, मेल एंड स्पूफिंग, लाटरी फ्राड, वेब फ्राड.

पुलिस के अनुसार पिछले 8 साल के दौरान कई ऑनलाइन फ्राड में इस गैंग के शामिल होने की पुष्टि हुई है. लखनऊ में साइबर सेल ने दो, आगरा में एक और नोएडा में कई नाइजीरियन लोगों को गिरफ्तार किया है.

रोमानियन गैंग

तरीका- ऑनलाइन एटीएम क्लोनिंग से फ्राड

यह गैंग भी काफी समय से एक्टिव है. इसने राजधानी में 20 अप्रैल से 5 मई तक एटीएम क्लोनिंग से 2.5 करोड़ की ठगी की है. इन्होंने पीएनबी के एटीएम में स्कीमर मशीन लगाई थी. इस गैंग के सदस्य टूरिस्ट बनकर सर्दी के मौसम में दिल्ली और मुंबई आते हैं और ठगी करके चले जाते हैं.

झारखंड का गैंग

तरीका- टेलीफोन से करते हैं ठगी

झारखंड के जामताड़ा से ऑपरेट होने वाला यह गैंग बैंक कर्मचारी बनकर लोगों को फोन कर इनाम का लालच देता है. अकाउंट की डिटेल मांगता है और ओटीपी शेयर होते ही खाते से पैसा उड़ा देता है. इस गैंग का कोई भी सदस्य अब तक पकड़ा नहीं गया है.

गोंडा मनकापुर गैंग

तरीका- एटीएम क्लोनिंग कर ठगी

गोंडा के मनकापुर से चल रहे इस गैंग के आधा दर्जन सदस्य अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इस रजिस्टर्ड गैंग पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जा चुकी है. ये गैंग बेरोजगार युवकों को फ्रॉड की ट्रेनिंग भी देता है. कई शहरों में यह गैंग ठगी की वारदातें कर चुका है.

कई गैंग हैं सक्रिय

फ्रॉड के मामले में कई गैंग सक्रिय हैं. ऑनलाइन और साइबर फ्रॉड के मामले में शातिर दिल्ली, मुंबई जैसे दूर दराज इलाके में बैठ कर फ्रॉड कर रहे हैं जबकि मैनुअल ठगी में साउथ इंडिया और राजस्थान का गैंग सक्रिय है.

ऑनलाइन ठगी के लिए लोगों को अवेयर किया जाता है. इसके बाद भी ऑनलाइन और साइबर फ्रॉड के मामले बढ़े हैं. इन्हें रोका जा सकता है, लेकिन इसके लिए लोगों को एक्टिव होना पड़ेगा. अनवांटेड कॉल पर ध्यान रखना पड़ेगा और अपनी डिटेल को सार्वजनिक करने से पहले कई बार सोचे और परखें.

अभय मिश्र, नोडल इंचार्ज साइबर सेल

इसका रखें ध्यान

1. उन एटीएम बूथ का यूज करते जिनमें सिक्योरिटी गार्ड तैनात हो

2. सुनसान इलाके में स्थित एटीएम मशीन का यूज करने से बचें

3. एटीएम में कार्ड लगाने से पहले मशीन को जरूर चेक कर लें

4. कार्ड इंटर करते समय उसकी प्लेट अगर हिल रही है तो कार्ड न लगाएं

5. पिन कोड डालते समय सुरक्षा के लिए ऊपर हाथ जरूर लगा लें ताकि कैमरे से बच सकें

6. एडीएम का यूज करने के बाद कैंसिल होने तक मशीन के पास ही खड़े रहें

7. एटीएम में विड्राल करने के दौरान कोई अन्य व्यक्ति अंदर नहीं होना चाहिए

किस तरह के मामले आ रहे साइबर फ्राड के

- एटीएम कार्ड क्लोन कर फ्राड

- एटीएम बदलकर फ्राड

- ओटीपी शेयर करने एकाउंट से पैसा निकालना

- ऑनलाइन पेमेंट के नाम पर डाटा चोरी कर एकाउंट खाली कर रहे

- व्हाट्सएप और जीमेल हैक कर डाटा चोरी कर लगा रहे चुना

- ऑनलाइन पेमेंट करते समय स्वैप मशीन का धोखे से कैंसिल बटन दबा रहे

साइबर क्राइम के दर्ज किए गये मामले

जोन 2017 2018

आगरा 434 434

कानपुर 543 699

गोरखपुर 690 768

प्रयागराज 488 670

बरेली 456 568

मेरठ 906 1251

लखनऊ 1009 1570

वाराणसी 866 792

( यह रिकार्ड 8 जोन का साइबर क्राइम के दर्ज केस का है)

Posted By: Kushal Mishra