-12वीं की छात्रा की गैंगरेप के बाद हत्या का मामला

-फॉरेंसिक एक्सप‌र्ट्स की मौजूदगी में हुआ घटना का क्राइम सीन क्रियेशन

-1 घंटा 46 मिनट तक कडि़यां जोड़ने की चलती रही कवायद

-महिला कॉन्सटेबल से लगवाई पुकार, लोहिया पथ पर तैनात पुलिसकर्मी सुनने में रहे नाकाम

-मापा गया ध्वनि प्रदूषण, पूरे क्रियेशन की हुई वीडियोग्राफी

LUCKNOW: 12वीं की छात्रा स्वाति (बदला नाम) के साथ गैंगरेप और हत्या के वक्त निकली उसकी चीख लोहिया पथ पर ट्रैफिक के शोर में दब गई, जिसकी वजह से कोई भी राहगीर उसकी मदद को न आ सका। यह खुलासा हुआ मंगलवार को पुलिस द्वारा घटनास्थल पर किये गए क्राइम सीन क्रियेशन में। जब तमाम एंगल पर जांच के साथ ही वहां का ध्वनि प्रदूषण लेवल जांचा गया। बेहद साइंटिफिक तरीके से किये गए इस क्रियेशन में पुलिस ने महिला कॉन्सटेबल को दरिंदगी वाली जगह पर खड़ा कर पुकार भी लगवाई गई। पुलिस टीमों व फॉरेंसिक एक्सप‌र्ट्स ने अब तक की अनसुलझी कडि़यों को जोड़ने की कोशिश की। घटना के रियल टाइम पर किये गए इस क्रियेशन में लड़की के दो डमी (पुतलों) का इस्तेमाल किया गया। इस क्रियेशन के दौरान ऑफिसर्स ने न सिर्फ चारों आरोपियों से सघन पूछताछ की बल्कि उन्हें पूरे घटनास्थल पर घुमाकर उनसे वारदात के दिन और उसके बाद उनकी हर हलचल को नोट किया।

ठीक 9 बजे शुरू हुआ क्रियेशन

स्वाति की गैंगरेप के बाद हत्या की जांच में जुटी पुलिस टीमें क्राइम सीन क्रियेशन के लिये मंगलवार सुबह 8 बजे से ही घटनास्थल पर पहुंचना शुरू हो गई थीं। सुबह 8.45 बजे डीआईजी डीके चौधरी और एसएसपी राजेश कुमार पांडेय घटनास्थल पर पहुंचे। उनके साथ एसपी टीजी जयप्रकाश, एसपी क्राइम डॉ। संजय कुमार, एसपी नॉर्थ विजय ढुल, सीओ गोमतीनगर सत्यसेन, सीओ महानगर अभयनाथ त्रिपाठी, सीओ हजरतगंज अशोक कुमार वर्मा भी वहां पहुंच गए। इसी बीच साक्ष्य छिपाने के आरोप में अरेस्ट किये गए सद्गुरु व दीपक उर्फ दीपू को लेकर जानकीपुरम पुलिस एक बार फिर घटनास्थल पहुंची। उनके अलावा संदेह के घेरे में आए गोल्फ क्लब के कैडी माइकल व नसीर को भी वहां लाया गया था। अनसुलझी कडि़यों को जोड़ने के लिये पुलिस ने जमकर तैयारी की थी। सोमवार को आरोपियों की निशानदेही पर चार जगहों पर गाड़े गए खूंटों से ही पुलिस टीमों ने क्राइम सीन क्रियेशन की शुरूआत की। पहले सद्गुरु और दीपू को उन खूंटो और फिर घटनास्थल पर एक-एक कर ले जाया गया। करीब 15 मिनट तक यह कवायद चलती रही। इसके बाद दोनों कैडी के साथ भी यही कवायद दोहराई गई। पुलिसकर्मी समझना चाह रहे थे कि वारदात के वक्त और उसके बाद उन चारों की गतिविधियां क्या थीं?

1 घंटा 46 मिनट तक चली कवायद

चारों आरोपियों से बारी-बारी व एक साथ पूछताछ में सामने आ रही बातों को पुलिसकर्मी नोट करते जा रहे थे। इसके अलावा उनके बयानों की वीडियोग्राफी भी करवाई जा रही थी। इसी बीच सुबह करीब 9.30 बजे फॉरेंसिक लैब के डायरेक्टर श्यामबिहारी उपाध्याय और जी खान अपनी टीम के साथ वहां आ पहुंचे। वे अपने साथ एक प्लास्टिक की व एक रबर की डमी लाए थे। वहां पहुंचते फॉरेंसिक टीम के सदस्यों ने प्लास्टिक की डमी को घटनास्थल के सामने खुले मैदान में लिटा दिया जबकि, रबर वाली लड़की की डमी को हवा भरने के बाद कपड़े पहनाए गए और उसे दरिंदगी वाली जगह पर ले जाया गया। इसके बाद चारों आरोपियों को दोनों डमी के पास ले जाकर वारदात वाले दिन छात्रा के साथ की गई हरकत के बारे में पूछताछ की। 1.46 मिनट तक चली यह कवायद आखिरकार सुबह 10.46 बजे खत्म हुई। इस पूरी कवायद के खत्म होने के बाद पुलिस ऑफिसर्स ने दबी जुबान में माना कि वारदात से जुड़ीं कई अनसुलझी कडि़यां इस क्रियेशन के जरिए उन्हें जोड़ने में मदद मिली है। हालांकि, एसएसपी ने किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार करने की बात कही है।

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घटनास्थल पर ही दबी रह गई चीख

प्रदेश में रेप के बाद हत्या के मामले की कडि़यां जोड़ने के लिये पुलिस ने पहली बार इस तरह की कवायद की। जांच में जुटी पुलिस टीमें इस बात पर असमंजस में थीं कि स्वाति के साथ जिस वक्त दरिंदगी हुई, उसने बचने के लिये शोर जरूर मचाया होगा.पर, उसकी चीख को कोई सुन क्यों नहीं सका? इसी गुत्थी को सुलझाने के लिये पुलिस ने लाश बरामद होने वाली जगह पर महिला कॉन्सटेबल विभा गोस्वामी को खड़ा कर उससे चीखने को कहा। विभा ने फॉरेंसिक एक्सप‌र्ट्स इशारा मिलते ही जोर-जोर से चीखना शुरू किया। पर, लोहिया पथ पर तैनात पुलिसकर्मी ट्रैफिक के शोर के कारण उसकी पुकार सुन न सके। बेहद साइंटिफिक तरीके से किये गए इस क्रियेशन में घटनास्थल और लोहिया पथ का ध्वनि प्रदूषण लेवल मापा गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि लोहिया पथ का ध्वनि प्रदूषण लेवल 90 डेसिबल निकला। फॉरेंसिक एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक, घटनास्थल से लोहिया पथ की दूरी करीब 50 मीटर है। इसके अलावा घटनास्थल से रोड की ऊंचाई करीब 35 फीट है। ऐसी हालत में 40 डेसिबल तक के ध्वनि लेवल पर किसी की चीख-पुकार सुनी जा सकती है। पर, लोहिया पथ पर इससे कहीं ज्यादा ध्वनि प्रदूषण लेवल होने की वजह से स्वाति की चीख ट्रैफिक के शोर में दबी रह गई।

Posted By: Inextlive