यह तस्वीर कैंटलो परिवार ने उपलब्ध करवाई है और माना जाता है कि यह विलियम कैंटलो की है मशीनगन के अविष्कार का श्रेय सर हीरम मैस्किम को जाता है जिनकी बनाई मैक्सिम मशीनगन ने जंग की तस्वीर बदल दी.


लेकिन हो सकता था कि मशीनगन के आविष्कारक के रूप में किसी और का नाम इतिहास में लिखा जाता.साउथहैंपटन की बार्गेट स्ट्रीट के निवासी विलियम कैंटेलो मशीनगन के शुरूआती प्रारूप पर काम कर रहे थे.साल 1880 में उनके पब के नीचे बने एक कमरे से लगातार गोलियां चलने की आवाज़ें आती रहती थीं. गोलियां दागने की रफ़्तार सामान्य  राइफ़ल से कई गुना ज़्यादा थी.एक इंजीनियर और राइफ़ल निर्माता केंटेलो ने एक दिन अपने बेटों को कहा कि उन्होंने मशीनगन बना ली है. उन्होंने इसे पैक किया और इसे बेचने के लिए निकल गए.इसके बाद विलियम केंटेलो को किसी ने नहीं देखा.दोनों हूबहूविलियम केंटेलो के बेटे भी इंजीनियर थे. वह कहते हैं कि केंटेलो का नया अविष्कार एक मशीनगन थी जो बारूद के प्रतिघात से पैदा ताकत को नई गोली लोड करने के लिए इस्तेमाल करती थी.
यह लगातार तब तक दागती रहती थी जब तक कि  गोलियां ख़त्म न हो जाएं.लेकिन मशीनगन को इज़ाद करने का श्रेय विलियम केंटेलो को नहीं मिला.यह श्रेय मैक्सिम को गया. लेकिन साउथ हैंपटन में उनकी शानदार कब्र के ऊपर उनके खून बहाने वाले क्रांतिकारी अविष्कार के बारे में कुछ नहीं लिखा गया.मैक्सिम मशीनगन पहली ऑटोमैटिक मशीनगन थी


विलियम कैंटेलो जैसे धरती से गायब हो गए थे. उनके परिवार ने उन्हें ढूंढने के लिए एक निजी जासूस की मदद ली.माना जाता है कि उसने अमरीका तक कैंटेलो के सुराग ढूंढे भी. लेकिन उसके बाद कोई निशान नहीं मिला.उनके बैंक खाते से बड़ी मात्रा में पैसा निकाला भी गया था.लेकिन जब तक इस बारे में पता किया जाता वह बैंक ही अस्तित्व में नहीं रहा और न ही इस बात का कोई रिकॉर्ड मिला कि पैसा कहां से निकाला गया था या कहां भेजा गया था.मुश्किल यह भी थी कि कैंटेलो और मैक्सिम दोनों की ही विक्टोरियन दाढ़ियां थीं. उस वक्त 30 साल से ऊपर के सभी आदमी उस वक्त ऐसी ही दाढ़ी रखते थे.यह भी हो सकता है कि जिस तस्वीर पर कैंटेलो का कैप्शन लगाया गया था दरअसल वह मैक्सिम की ही हो.एक रोचक तथ्य यह भी है कि मैक्सिम अमरीका से ब्रिटेन आए थे और कैंटेलो ब्रिटेन से अमरीका गए थे.थॉमस एडिसन के साथ बिजली के बल्ब के अविष्कार पर विवाद के चलते अमरीका में मैक्सिम के कई दुश्मन हो गए थे और वह वहां से ब्रिटेन आ गए थे.

हम फिर कैंटेलो के सवाल पर आते हैं. यह हो सकता है कि कैंटेलो एक मशीनगन पर काम कर रहे हों जिसकी गोलियों की आवाज़ें बार्गेट स्ट्रीट पर उनके पब के नीचे से आती थीं.विलियम कैंटलो और हीरम मैक्सिमहालांकि उस समय इस्तेमाल होने वाला बारूद इतना धुआं करता था कि उसके चलते परीक्षण कक्ष में कुछ दिखना संभव नहीं था.वैसे सोचने वाली बात तो यह है कि क्या कैंटेलो और मैक्सिम कभी मिले भी थे?कुछ सबूत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि वह मिले थे.साउथहैंपटन के एक नौसेना इंजीनियर की बेटी कहती हैं कि मैक्सिम उनके पिता के अविष्कार प्रोपेलर को देखने आए थे. लेकिन उन्होंने मना कर दिया क्योंकि मैक्सिम की "छवि एक दिमाग चूसने वाले की थी."बहरहाल एक आविष्कारक अक्सर दूसरे सफल आविष्कारक के बारे में ऐसी बातें करता है.मुद्दे की बात यह है कि मैक्सिम साउथहैंपटन गए थे और वहां स्थानीय इंजीनियरों से मिल रहे थे.लेकिन आखिर विलियम कैंटेलो का क्या हुआ? वह अपनी बनाई मशीनगन को बेचने में बुरी तरह असफल रहे थे? क्या उन्हें अहसास हो गया था कि मैक्सिम उन्हें पछाड़ देंगे?या यह विक्टोरियन काल का एक सनसनीखेज नाटक था जो अंदर ही अंदर चल रहा था?
बहरहाल यह एक ऐसा मामला है जिसकी जांच शरलक होम्स को करनी चाहिए.

Posted By: Satyendra Kumar Singh