पेट्रोल-डीजल के बढे दामों को लेकर फ्रांस में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने आपात बैठक बुलाई है।


पेरिस (एएफपी)। फ्रांस में महंगे पेट्रोल-डीजल को लेकर रविवार को सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्श किया गया। इस प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य बड़े अधिकारियों से मुलाकात की। पेरिस पुलिस का कहना है कि फ्रांस में विरोध प्रदर्शन के दौरान शनिवार को 412 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 378 अभी भी हिरासत में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस विरोध प्रदर्शन के चलते 263 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें 33 सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। प्रदर्शन नहीं किया जायेगा स्वीकार
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने रविवार शाम पेरिस में बर्बादी को देखा और स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। ब्यूनस आयर्स से घर वापस लौटने के दौरान मैक्रॉन ने एयरपोर्ट पर प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'मैं हिंसा कभी स्वीकार नहीं करूंगा।' उन्होंने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है, जिसका इतना बड़ा विरोध किया जाए। सुरक्षा बलों, कारोबारियों और आमजनों पर हमलों को सहन नहीं किया जाएगा।' विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों ने कई कारें जला दीं, प्रदर्शनकारियों में से कुछ ने आंसू गैस के प्रभाव से बचने के लिए गैस मास्क और स्की चश्मे पहने थे। गृह मंत्रालय ने बताया कि पेरिस में आगजनी की कुल 190 घटनाएं हुई हैं। छह इमारतों को जलाकर खाक कर दिया गया है। दाम कम करने पर बढ़ेगी बेरोजगारीबता दें कि फ्रांस में बड़े पैमाने पर हो रहे इस हिंसा की शुरुआत सरकार द्वारा ईंधन पर टैक्स बढ़ाए जाने के बाद हुई। विरोध प्रदर्शन यलो वेस्ट नाम के संगठन द्वारा किया जा रहा है। हालांकि, सरकार का कहना है कि टैक्स कम नहीं किये जायेंगे, क्योंकि मौजूदा स्थिति के अनुसार यह ठीक है।  सरकारी प्रवक्ता बेंजामिन ग्रीवेक्स ने रविवार को कहा कि अगर ईंधन के दामों पर टैक्स काम दिए जाते हैं तो देश की अर्थव्यवस्था कमजोर होगी और यहां बेरोजगारी भी बढ़ जाएगी।

Posted By: Mukul Kumar