DEHADUN : रायपुर एरिया के डांडा लखोड़ स्थित खेल मैदान का मैदान एक बार फिर रण का मैदान बन गया है. खेल के मैदान व ग्राम समाज की भूमि पर रातों रात सड़क बनाए जाने का आरोप लगाते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने प्रतीक रिसोर्स एंड बिल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पूरा मामला कोर्ट में चल रहा है लेकिन बीजेपी नेताओं के समर्थन के कारण इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है. हालांकि संबंधित बिल्डर ने ग्र्रामीणों के तमाम आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए आरोप लगाया है जबर्दस्ती इस मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है. उधर जमीन को लेकर उपजे इस विवाद को शांत करने के लिए एडीएम हरक सिंह रावत आगामी तीन जनवरी को संबंधित क्षेत्र के पटवारी के साथ मौका मुआयना करेंगे. फिलहाल ग्र्रामीणों ने एडीएम के आश्वासन के बाद आंदोलन रद कर दिया है. थर्सडे को विवाद को देखते हुए मौके पर भारी पुलिसबल तैनात किया गया था.


रातों रात बना दी सड़क दरअसल, सहस्रधारा रोड स्थित आईटीपार्क के समीप मेन रोड पर प्रतीक रिसोर्स एंड बिल्डंग प्राइवेट लिमिटेड का एक प्लॉट है। बताया जा रहा है कि संबंधित प्लॉट से कुछ आगे बिल्डर के पास ग्राम समाज की करीब तीन सौ बीघा जमीन है। दोनों के बीच आठ गांवों के खेल मैदान का मैदान है। साथ ही कुछ ग्र्राम समाज की भूमि है। आरोप है कि गत 23 दिसंबर को बिल्डर ने रातों-रात सड़क से सटे प्लॉट से तीन सौ बीघा भूमि तक पहुंचने के लिए सड़क बनवा दी, जो खेल मैदान से होकर प्लॉट तक पहुंच रही। खेल मैदान पर अवैध तरीके से बनाई गई सड़क से ग्र्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों ने खोला मोरचा


बिल्डर के खिलाफ थर्सडे को सैकड़ो ग्र्रामीणों ने नव निर्मित सड़क पर पहुंचकर धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही मौके पर क्षेत्रीय विधायक व बीजेपी नेता गणेश जोशी, मुन्ना सिंह चौहान, हरबंस कपूर सहित कई बीजेपी नेता भी पहुंच गए। मामले की गंभीरता को देखते ही पहले से ही मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। गणेश जोशी ने कहा कि बिल्डर ग्र्राम समाज की भूमि कब्जा रहा है जिसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। मुन्ना सिंह चौहान ने इस काम के लिए सीधे तौर पर शासन-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।

एडीएम पहुंचे मौके परहंगामे की सूचना मिलते ही एडीएम हरक सिंह रावत भी मौके पर पहुंचे और किसी तरह ग्र्रामीणों को शांत करने का प्रयास किया। उन्होंने आगामी तीन जनवरी को क्षेत्रीय लेखपाल से संबंधित भूमि की जांच करवाने का आश्वासन देकर धरना प्रदर्शन समाप्त करवाया। क्या है मामला दरअसल, वर्ष 2005 में तत्कालीन कांग्र्रेस सरकार ने सहस्रधारा रोड पर आईटी पार्क के लिए जो भूमि चिन्हित की थी वह खेल मैदान के लिए स्वीकृत थी। विरोध के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने आईटी पार्क के समीप डांडा लखोड़ में कुछ भूमि खेल मैदान के लिए स्वीकृत की थी। खेल मैदान के रूप में स्वीकृत इस भूमि पर अब विवाद चल रहा है। ग्र्रामीणों का आरोप है कि संबंधित बिल्डर खेल मैदान पर कब्जा करना चाहता है। जिसके लिए हर तौर तरीका अपनाए जा रहे हैं। क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधियों को आवाज न उठाए जाने के लिए पैसे बांटे जा रहे हैं। क्यों मामला ले रहा राजनीतिक रंग?


भूमि पर उपजा यह विवाद लंबे समय से कोर्ट में चल रहा है। दोनों ही पक्ष खुद को पाक साफ बता रहे हैैं। बिल्डर की तरफ से मामले की पैरवी के लिए कांग्र्रेस के कद्दावर नेता व सीएम के करीबी माने जाने वाले विधायक के भाई यूके उनियाल को वकील रखा गया है। ऐसे में ग्र्रामीणों का अनुमान है कि संबधित कांग्रेस विधायक का समर्थन भी बिल्डर को मिल रहा है। इसके कारण बीजेपी इस मामले को राजनीतिक रंग देने में लगी हुई है। वह जमीन से उपजे इस विवाद पर सत्ता पक्ष को घेरने की तैयारी कर रहा है। विधायक गणेश जोशी का कहना था कि वह मामले को पहले भी विधानसभा सत्र में उठा चुके हैैं और जरूरत पड़ी तो आगामी विधानसभा सत्र में यह मामला उठाया जाएगा। ग्रामीणों के आरोप गलत प्रतीक रिसोर्स एंड बिल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड ने ग्र्रामीणों और बीजेपी नेताओं के सभी आरोपों को गलत करार दिया है। उनका कहना है मामला कोर्ट में विचाराधीन है, जो भी किया जा रहा है वह ठीक है। प्रतीक बिल्डर के रिटायर्ड कर्नल अमिताभ नाग ने कहा कि मामले को बेवजह राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। कुछ स्थानीय नेता इस मामले विवादित करने का प्रयास कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive