- जीवन दायिनी गंगा के अंक का हुआ लोकार्पण

- पांच सौ पन्नों में गंगा से जुड़ी जानकारियों को दिया विस्तार

ALLAHABAD: माघ मेला क्षेत्र के संगम लोवर मार्ग पर स्थित गीता प्रेस गोरखपुर के शिविर में रविवार को कल्याण के विशेषांक गंगा का विमोचन किया गया। इस अवसर पर चीफ गेस्ट सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पिनाकी चन्द्र घोष समेत कई बड़े संत महात्मा मौजूद रहे। विमोचन के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए जस्टिस घोष ने गीता प्रेस के इस कदम को सराहनीय बताते हुए कहा कि जीवनदायिनी गंगा के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गंगा के संरक्षण के साथ ही साथ गंगा में फैलने वाली गंदगी को भी हम सब को मिलकर रोकने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है। तभी जीवनदायिनी को बचाया जा सकेगा।

फैलानी होगी जागरूकता

विमोचन के अवसर पर गीता प्रेस के शिविर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने गीता प्रेस के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका की पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक जागरूकता फैला कर ही गंगा को बचाना होगा। तभी सनातन धर्म की रक्षा हो पाएगी। इसके पहले गीता प्रेस के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका ने अतिथियों का स्वागत करते हुए गंगा अंक की जरूरत व उसके उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस अंक में गंगा के महत्व, उससे होने वाले फायदे सहित अन्य पर विस्तार से जानकारी दी गई है। कल्याण के गंगा विशेषांक में मां गंगा के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के साथ ही आरोग्य प्राप्ति में गंगा जल की उपयोगिता एवं उसकी विशिष्टता का बखान किया। गंगा संबंधी रोचक व्याख्यान, गंगापासना के स्वरूप और उसके इतिहास व भूगोल के साथ ही वर्तमान में पर्यावरण की स्थिति एवं गंगा की प्रदूषित अवस्था और उसके निवारण की समीक्षा है। गंगा का अंक पांच सौ पन्ने का है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा ने बताया कि सनातन धर्म के प्रचार प्रसार और संरक्षण में गीता प्रेस का अहम योगदान है। कार्यक्रम में श्रीराम जन्म भूमि न्यास समिति के अध्यक्ष स्वामी नृत्य गोपाल दास समेत अन्य साधु संत मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive