मेला हास्पिटल में दो दिन में पहुंचे दो हजार से ज्यादा श्रद्धालु

माघ मेला क्षेत्र में अलाव का इंतजाम नहीं, ठंड से ठिठुर रहे श्रद्धालु

ALLAHABAD: तापमान में गिरावट का असर माघ मेले में दिखने लगा है। कड़ाके की ठंड के बाद भी मेला क्षेत्र में अलाव और पुआल का इंतजाम नहीं किया गया। श्रद्धालु ठंड से कांप रहे हैं। आलम यह है कि मेला हास्पिटल में दो दिन के अंदर दो हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे। हालत गंभीर होने पर कई श्रद्धालुओं को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है। जबकि शनिवार को मेले में ठंड से किसान की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके प्रशासन की नींद नहीं खुली।

जमीन पर सोने को मजबूर कल्पवासी

शीत लहर और तेजी से बढ़ रही गलन ने श्रद्धालुओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। शिविरों में न तो अलाव का इंतजाम किया गया और न ही पुआल का। कल्पवासी खुली जमीन पर सोने को मजबूर हैं। सेक्टर तीन में होलागढ़ से आए रमाशंकर, हंडिया से आए अवधेश नारायण और कौशांबी से आए राजेश्वर मिश्रा ने बताया कि ठंड की वजह से रात गुजारना मुश्किल हो गया है।

ठंड से हो चुकी है मौत

शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के शिविर में ठंड से एक किसान की मौत के बावजूद मेला प्रशासन की नींद नहीं खुली। भाकियू के शिविर में देशभर से आए लगभग दो लाख किसान असुविधाओं से परेशान हैं। सिद्धार्थनगर से आए सुदामा, भानुमती, इंद्रपरी, चंदौली से आए पारसनाथ तिवारी, झांसी से आए देवेंदर के मुताबिक बार-बार कहने के बाद भी अधिकारियों ने पुवाल और लकड़ी की व्यवस्था नहीं कराई। ढाई सौ से अधिक लोग ठंड की चपेट में आकर बीमार पड़ चुके हैं।

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हॉस्पिटल में लगी मरीजों की लाइन

ठंड की वजह से हॉस्पिटल में दो दिन में दो हजार मरीज दस्तक दे चुके हैं। रविवार को मेला पश्चिमी हॉस्पिटल में लगभग डेढ़ दर्जन मरीज भर्ती किए गए। इनमें भाकियू के रामकिशुन और सोमवती का नाम भी शामिल है। हॉस्पिटल प्रभारी डॉ। शक्ति बसु बताते हैं कि पेट दर्द, उल्टी, बुखार, जुकाम और बदन दर्द के मरीजों को तत्काल इलाज मुहैया कराया जा रहा है। मेले में तैनात एंबुलेंस को भी एलर्ट कर दिया गया है।

सड़कों पर पसरा सन्नाटा

ठंड का प्रकोप लगातार तीसरे दिन जारी रहा। रविवार को अधिकतम तापमान चार डिग्री (16.2 डिग्री सेल्यिस) और न्यूनतम तापमान (8.8 डिग्री सेल्सियस) में तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। इसके चलते पूरा शहर गलन, धुंध और ठंडी हवाओं की चपेट में रहा। लोग घरों में कैद रहे। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। मौसम विशेषज्ञ प्रो। बीएन मिश्रा के मुताबिक पछुआ विक्षोभ के चलते पहाड़ों पर बर्फबारी से मौसम में बदलाव आया है। भविष्य में घने कोहरे और बारिश के हालात भी बन सकते हैं।

- मेले में पुवाल की कमी नहीं है। कई संस्थाएं अपनी व्यवस्था खुद करती हैं। हमारी ओर से भी पुवाल की व्यवस्था कराई जा रही है। मेले में चिंहित स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है। किसी को दिक्कत हैं तो वह मुझसे कार्यालय पर संपर्क कर सकता है।

हरिओम शर्मा, प्रभारी माघ मेला अधिकारी

Posted By: Inextlive