Allahabad : महाकुंभ के दौरान किसी हादसे का शिकार होने पर मदद के लिए दस करोड़ लोगों का बीमा एक साथ करवाने की तैयारी है. गवर्नमेंट की ओर से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद इसके लिए बीमा कंपनियों से बात शुरू हो गई है.


कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहतेइलाहाबाद का कुंभ मेला आतंकियों के लिए साफ्ट टॉरगेट हो सकता है। हर साल लगने वाले माघ मेले के दौरान मिलने वाली धमकियों के साथ यहां आतंकी संगठनों के स्लीपिंग मॉड्यूल्स की मौजूदगी कुंभ मेल को बेहद संवेदनशील बना देती है। वैसे तो पुलिस और प्रशासन एलर्ट हैं लेकिन खुफिया विभाग की रिपोर्ट को वे अनदेखा नहीं करना चाहते। प्रशासनिक ऑफिसर किसी भी हादसे को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। यही कारण है कि महाकुंभ के दौरान आतंक घटना होने पर होने वाले जान व माल के नुकसान की भरपाइ कके लिए सभी श्रद्धालुओं का बीमा होगा। यानी हर श्रद्धालु इस बार इंश्योर्ड होगा। कोई हादसा होने पर उसे पूरा क्लेम मिलेगा। 10 करोड़ की उम्मीद
माघ मेला ऑफिसर मणी प्रसाद मिश्रा ने बताया कि अगले साल की शुरुआत में लगने वाले महाकुंभ में करीब 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इन सभी का बीमा कराने के लिए न सिर्फ शासन से ग्रीन सिग्नल मिल चुका है बल्कि इसके लिए बजट भी फिक्स हो चुका है। उन्होंने कहा कि इंश्योरेंस कंपनियों से डील अभी फाइनल नहीं हुई है। बातचीत जरूर चल रही है। बातचीत फाइनल होते ही डील को ओके कर दिया जाएगा।


उन्होंने कहा कि शासना चाहता है कि बीमा पॉलिसी का क्लेम आतंकी घटना पर ही नहीं बल्कि आग में झुलके, कुंभ मेला कैंपस में बड़े एक्सीडेंट में घायल या मृतकों के परिजनों या फिर संगम में दुर्घटना में डूबने वाले को भी मिले। तीन एज ग्रुप में है डिवाइड माघ मेला ऑफिसर की मानें तो बीमा का क्लेम भगदड़, आतंकी घटनाएं, पानी में डूबना, सड़क परिवहन, मोटर दुर्घटना और आग लगने की किसी भी घटना में मिलेगा। इसके लिए तीन एज ग्रुप में श्रद्धालुओं को बांटा गया है। पहले में 5 साल से 20 साल तक, दूसरा 20 साल से 60 साल और तीसरे ग्रुप में 60 साल से ज्यादा उम्र के श्रद्धालु आएंगे। इसके अलावा पूर्ण स्थायी विकलांगता को भी तीन कटेगरी में डिवाइड किया गया है। पहली कैटेगिरी में दोनों हाथ-पैर और आंख खराब हो जाने, दूसरी कैटेगिरी में एक हाथ, एक पैर और आंख खराब होने और तीसरी कैटेगिरी में माइनर हैंडीकैप्ड को रखा जाएगा। सभी केसेज में बीमा की राशि अलग-अलग होगी। 48 घंटे में करना होगा क्लेग

इस इंश्योरेंस पॉलिसी की सबसे बड़ी बात यह होगी कि किसी भी प्रकार के हादसे का शिकार होने वाले श्रद्धालु को क्लेम 48 घंटे के अंदर करना होगा। कम से कम इस अवधि में रिपोर्टिंग तो जरूरी होगी ही। इसके लिए एप्लीकेशन के साथ जरूरी कागजात, पोस्टमार्टम रिपोर्ट नत्थी किया जाना मस्ट होगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा दुकानों को बीमा क्लेम उस कंडीशन में मिलेगा जब कोई अनहोनी होने से संपत्ति का नुकसान हो जाए। 2001 में पहली बार हुआ थाश्रद्धालुओं का बीमा कराने की प्लानिंग पहली बार 2001 के महाकुंभ में बनी थी। 2001 में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी ने सभी श्रद्धालुओं का बीमा किया था। उस दौरान ली गई बीमा पॉलिसी के तहत किसी हादसे का शिकार होने पर एक लाख रुपए तक का क्लेम मिलना था। यह राशि टीन एजर के लिए केवल 45 हजार थी। 2001 का रिकार्ड चेक करने पर पता चला कि कुल छह लोग हादसे का शिकार हुए थे। दो की मौत हो गई थी। सभी 6 लोगों को बीमा का क्लेम भी मिला था। Report by-Piyush kumar

Posted By: Inextlive