मकर संक्रांति के मौके पर किन्नर अखाड़ा करेगा त्रिकाल संध्या स्नान

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PRAYAGRAJ: प्रयागराज कुंभ में देश के अलग-अलग रंगों की शोभा देखने का मौका ही लोगों को देश और विदेश से यहां तक खीच लाता है। इस बार प्रयागराज कुंभ में शामिल हुए किन्नर अखाड़ा के रंग भी प्रयागराज वासियों के साथ ही बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी आकर्षण का केन्द्र रहेगी। कुंभ के अवसर पर सबसे मुख्य आकर्षण अखाड़ों का शाही स्नान होता है। जिसे देखने के लिए भारत के अलावा दूसरे कई देशों से लोग प्रयागराज की धरती पर आते है। कुंभ में इस बार शाही स्नान के साथ ही लोगों को पहली बार त्रिकाल संध्या स्नान देखने का सौभाग्य मिलेगा। किन्नर अखाड़ा की ओर से इस बार शाही स्नान के तर्ज पर 15 जनवरी को कुंभ मेला क्षेत्र में त्रिकाल संध्या स्नान की तैयारी की जा रही है।

स्नान का है विशेष महत्व

किन्नर समाज के लिए कुंभ में त्रिकाल संध्या स्नान का ही महत्व

किन्नर समाज के लोग शाही स्नान नहीं करते शाही स्नान साधु संतों के लिए होता है

किन्नर समाज के लोग देवत्व रूप में होते है, इसलिए उनके लिए त्रिकाल संध्या स्नान का प्रावधान है

प्रयागराज की धरती पर अमृत गिरा था और यहीं पर ब्रम्हा जी ने यज्ञ किया था

इस कारण यहां पर त्रिकाल संध्या स्नान का महत्व अधिक होता है

प्रयागराज की पावन धरती पर होने वाले त्रिकाल संध्या स्नान को अमरत्व स्नान भी कहा जाता है

किन्नर समाज के लोग संध्या के समय संगम पर स्नान करने के बाद डूबते हुए सूर्य की उपासना करेंगे

यह प्रक्रिया किन्नर समाज के लिए सबसे अधिक शुभ मानी जाती है।

15 जनवरी को निकलेगी यात्रा

आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि 15 जनवरी को पहले शाही स्नान के अवसर पर दोपहर दो बजे किन्नर अखाड़ा की शाही सवारी निकलेगी। यह संगम लोवर मार्ग से होते हुए काली मार्ग होकर शाही स्नान मार्ग से चलते हुए संगम तट पर पहुंचेगी। उन्होंने बड़ी संख्या में महिलाओं से त्रिकाल संध्या स्नान में शामिल होने का आह्वान किया है।

त्रिकाल संध्या स्नान के संबंध में कुंभ मेला प्रशासन को जानकारी दे दी गई है। हम महिलाओं का आह्वान करते हैं कि वे बड़ी संख्या में त्रिकाल संध्या स्नान में शामिल होकर पुण्य फल प्राप्त करें।

लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी

महामंडलेश्वर, किन्नर अखाड़ा

Posted By: Inextlive