दस वर्षो के बाद सोमवार को पड़ रही है महाशिवरात्रि

श्रवण नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि का भी बना रहा योग

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि चार मार्च को भगवान शिव के पूजन-अर्चन का सबसे बड़ा पर्व महाशिवरात्रि मनाया जाएगा। करीब दस वर्षो के बाद सोमवार के दिन इस पर्व का पड़ना ही अपने आप में श्रेष्ठ फलदाई साबित होगा। ऐसे में शिवरात्रि के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और श्रवण नक्षत्र जैसा संयोग भी बन रहा है। ज्योतिषाचार्य पंडित विद्याकांत पांडेय की मानें तो चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिव हैं। प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भी शिवरात्रि व्रत किया जाता है। इसे मास शिवरात्रि कहा जाता है। सोमवार को पर्व के साथ-साथ नक्षत्र व योग के संयोग में दिनभर भगवान का पूजन-अर्चन करना जातकों के लिए सर्वश्रेष्ठ फलदायक होगा।

शिवालयों में चार प्रहर भस्म श्रृंगार

सोमवार को मनाए जाने वाले महा शिवरात्रि पर्व के लिए शहर के मनकामेश्वर मंदिर, दशाश्वमेध मंदिर, कोटेश्वर महादेव मंदिर, तक्षक तीर्थ व नागवासुकि मंदिर में विशेष तैयारियां की गई हैं। इनमें भी खासतौर से मनकामेश्वर और दशाश्वमेध मंदिर में चार प्रहर भस्म से भगवान शिव का भस्म से श्रृंगार किया जाएगा। मन कामेश्वर मंदिर के प्रभारी श्रीधरानंद ब्रह्माचारी ने बताया कि भोर में चार बजे पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया जाएगा और उनका भस्म से श्रृंगार कर मंदिर परिसर भक्तों के लिए खोला जाएगा। दशाश्वमेध मंदिर में सुबह पांच बजे पंचामृत से भगवान का अभिषेक होगा।

सीसीटीवी कैमरे से निगरानी

शिवालयों में भीड़ को देखते हुए सुरक्षा का भी इंतजाम किया गया है। इसके लिए दशाश्वमेध मंदिर प्रबंध समिति की ओर से मंदिर के मुख्य द्वार और मंदिर परिसर में कुल तीन सीसी टीवी कैमरा लगाया गया है। जबकि मनकामेश्वर मंदिर में समिति द्वारा दस कैमरों की व्यवस्था की गई है।

मेले का भी होगा समापन

संगम की रेती पर चल रहे कुंभ मेला का औपचारिक रूप से समापन भी महाशिवरात्रि पर्व के साथ हो जाएगा। संगम सहित अन्य 40 घाटों पर मेला प्रशासन की ओर से स्नान के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

Posted By: Inextlive