-मंडी की 200 दुकानों की जर्जर हालत

-बाथरुम व सेफ्टी टैंक भी जर्जर

GORAKHPUR: महेवा मंडी की दुकानें अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही हैं। दुकानें खस्ताहाल हो चुकी हैं। फल-सब्जी और आलू की कुल ख्00 दुकानें हैं। आज इनकी हालत खस्ता है। दुकानों की छत, खिड़की, बॉलकनी और शटर जर्जर हो चुके हैं। शॉप्स ओनर का कहना है कि मंडी को बने हुए ख्फ् साल हो चुके हैं। तब से लेकर इसकी कोई मरम्मत नहींकराई गई। जर्जर दुकानें हादसे को दावत दे रही हैं। दुकान के मालिकों का कहना है कि दुकानें के बाथरूम की हालत पतली है। जर्जर हालत में वे जाने कब ढह जाएं। सबसे खतरनाक बात यह है कि सेफ्टी बैंक का ढक्कन टूट चुका है। यहां गंदा पानी निकल रोड पर बहता है। सड़कें गंदे पानी से बजबजाने लगी हैं।

सुविधाओं के नाम पर धोखा

पूर्वाचल की इस मंडी में दूर दराज से लोग व्यापार करने आते हैं। यहां रोज करोड़ों रुपए का कारोबार होता है, लेकिन यहां व्यापारियों का पुरसाहाल नहीं है। अब तो व्यापारी भी कहने लगे हैं उनसे टैक्स भले ही लिया जाता है, लेकिन सुविधाएं नदारद हैं। यदि यही स्थिति रही तो किसी दिन भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

व्यापारी खुद कराते हैं मरम्मत

यहां के कारोबारी दुकानों की मरम्मत के लिए खुद पहल करते हैं और अपना पैसा लगाते हैं। व्यापारियों का कहना है कि दुकानों की मरम्मत के लिए जब भी जिम्मेदारों से बात की की जाती है तो वे आश्वासन देकर टरका देते हैं।

केला भट्ठी और चबूतरे की हालत खस्ता

मंडी में भ्भ् केला भट्ठी और तीन चबूतरे है। ध्यान नहीं देने की वजह से वह भी जर्जर होकर टूट चुके है, लेकिन मंडी प्रशासन इधर ध्यान नहीं दे रही है।

दुकान बनने के बाद से ही मरम्मत नहीं कराई गई। इसकी वजह से प्लास्टर और दीवार में लगी ईंटें जर्जर हो चुकी हैं। दुकानों की बदहाली देखते हुए भी इसकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है।

-चंद्रिका गुप्ता, फल कारोबारी

दुकानों की हालत काफी खराब है। आलम यह है कि बरसात का पानी छत के रास्ते दुकान के अंदर घुस जाता है। जिसकी वजह से काफी परेशानी होती है।

हाजी कलीम अहमद, उपाध्यक्ष, फल-सब्जी विक्रेता एसोसिएशन

दुकानों की मरम्मत के लिए प्रपोजल का कार्य चल रहा है। शासन से मंजूरी के बाद जल्द से जल्द काम चालू करा दिया जाएगा।

एमसी गंगवार, डीडीसी

Posted By: Inextlive