-साइंस लैब के अलावा वेलफेयर डिपार्टमेंट के हॉस्टल का भी जायजा लिया

JAMSHEDPUR: स्टेट वीमेन कमीशन की चेयरपर्सन डॉ महुआ माजी सोमवार को जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज पहुंची। वे साइंस के डिफरेंट डिपार्टमेंट्स के लैब में विजिट करने के बाद कैंपस में स्थित वेलफेयर डिपार्टमेंट के हॉस्टल पहुंची। वहां उन्होंने हॉस्टल की वार्डन और कुछ टीचर्स से बात की। उन्होंने एससी, एसटी स्टूडेंट्स के लिए बनाए गए इस हॉस्टल में ग‌र्ल्स को मिलने वाली फैसिलिटीज के बारे में जानकारी ली। डॉ माजी ने कहा कि एससी, एसटी स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज में एक और हॉस्टल होना चाहिए। उनका कहना था कि हॉस्टल में अभी भी कैपेसिटी से ज्यादा स्टूडेंट्स रह रही हैं और काफी संख्या में वैसी भी स्टूडेंट्स हैं, जिन्हें हॉस्टल मिलना चाहिए था, लेकिन जगह नहीं रहने की वजह से उन्हें नहीं मिल पाया। उन्होंने एक और हॉस्टल के लिए गवर्नमेंट को लेटर लिखने की बात कही।

स्टाफ की है कमी

स्टेट वीमेन कमीशन की चेयरपर्सन ने वीमेंस कॉलेज विजिट के दौरान कहा कि कॉलेज के डिफरेंट डिपार्टमेंट्स खासकर लैब में स्टाफ की बहुत कमी है। इस वजह से स्टूडेंट्स को परेशानी हो रही है। उन्होंने इसको लेकर यूनिवर्सिटी को लिखने की बात कही। इसके अलावा उन्होंने कैंपस में टॉयलेट्स की संख्या और बढ़ाने की भी बात कही।

प्रिंसिपल को नहीं थी खबर

डॉ महुआ माजी के वीमेंस कॉलेज विजिट के बारे में कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ सुमिता मुखर्जी को कोई खबर नहीं थी। डॉ माजी ने कॉलेज पहुंचने के बाद प्रिंसिपल से मिलकर कहा कि वे हॉस्टल और डिफरेंट डिपार्टमेंट्स जाकर फैसिलिटीज देखना चाहती हैं। इसके बाद कॉलेज की टीचर के साथ वे इंस्पेक्शन पर निकल पड़ीं। डॉ सुमिता मुखर्जी का कहना था कि वीमेन कमीशन की चेयरपर्सन के आने की खबर उन्हें एक टीचर ने ही दी।

तारा शाहदेव मामले पर पुलिस ने निष्पक्षता से काम किया

सिटी विजिट के दौरान स्टेट वीमेन कमीशन की चेयरपर्सन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कंट्री के बहुचर्चित तारा शाहदेव मामले में रांची पुलिस ने निष्पक्षता के साथ तेजी से जांच की और सच्चाई को सामने लाया। उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से कराने के गवर्नमेंट को फैसले को उचित बताया। उनका कहना था कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को कम करने के लिए महिलाओं को अवेयर करना सबसे ज्यादा जरूरी है और इसके लिए वे स्टेट के डिफरेंट डिस्ट्रिक्ट्स में सेमिनार ऑर्गनाइज करवा रही हैं। उन्होंने स्टेट में काफी संख्या में लड़कियों की ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए हर डिस्ट्रिक्ट में शेल्टर होम बनाने की भी बात कही। उनका कहना था कि रेस्क्यू के बाद लड़कियों को सुरक्षित जगहों पर रखना एक चुनौती हो जाती है। इसके लिए रोजगार के अवसर मुहैया करना जरूरी बताया। डॉ माजी ने कहा कि रेस्क्यू कर वापस लाई गई लड़कियों को शेल्टर होम मिल जाए और उन्हें रोजगार के अवसर मिल जाएं, तो वे वापस उस दलदल में नहीं फसेंगी।

वीमेंस कॉलेज का मैनेजमेंट अच्छा है। ग‌र्ल्स की संख्या ज्यादा होने और हॉस्टल की डिमांड को देखते हुए हम कैंपस में एक और हॉस्टल के लिए गवर्नमेंट को लेटर लिखेंगे। डिफरेंट डिपार्टमेंट्स में स्टाफ की कमी है। इसके लिए यूनिवर्सिटी और गवर्नमेंट को लिखा जाएगा।

- डॉ महुआ माजी, चेयरपर्सन, स्टेट वीमेन कमीशन झारखंड

Posted By: Inextlive