ये भारत है. भारत जैसा कोई नहीं हो सकता. यहां सिर्फ देश के लिए मर मिटने वाले जवान ही वीर नहीं होते बल्कि उनकी शहादत को सम्मान के तौर पर लेने वाली महिलाएं भी वीरांगना ही होती हैं. ऐसा ही कुछ नजारा मंगलवार को दिखा देहरादून में...


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DEHRADUN: पुलवामा एनकाउंटर में शहीद हुए मेजर विभुति शंकर का पार्थिव शरीर जब उनके घर लाया गया तो उनकी पत्नी नीतिका कौल ने पति की शहादत को सलाम किया. दिल में दर्द और वेदना का सैलाब रहा होगा, लेकिन आंखों में आंसू तक न आने दिया. जिस भारी पल में किसी के भी शरीर का रोम रोम मूर्छा में हो सकता है, उस कठोर पल में भी नीतिका ने अपने पति की शहादत को सैल्यूट करते हुए तीन बार जय हिंद बोला. शादी को एक साल भी नहीं हो पाया, गर्भ में पति की निशानी भी है, लेकिन उनको छोड़कर दुनिया को अलविदा कह गए अपने 'विभु' से उन्होंने शिकायत के शब्द नहीं, बल्कि आई लव यू बोला. उन्होंने अपना गुस्सा और गम नहीं दिखाया, बल्कि फ्लाइंग किस देकर आखिरी क्षणों में भी प्यार का इजहार किया. भारत की ऐसी वीर नारी को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट भी सलाम करता है.कसमें, कोख, कलाई और कुल कुर्बान

आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए राष्ट्रीय राईफल्स के मेजर विभूति ढौंडियाल मंगलवार को दून में अंतिम यात्रा के बाद हमेशा के लिए पंचतत्व में विलीन हो गए. इसी के साथ पत्नी संग जीने मरने की कसमें टूट गई तो मां की कोख उजड़ गई. तीन बहनों की राखी भाई की कलाई को तरस गई तो 95 वर्षीय दादी के कुल का दीपक बुझ गया. तीन पीढिय़ों से देश के रक्षा क्षेत्र में योगदान देने वाले इस परिवार का विभूति आखिरी चिराग था. उसके दादा और पिता की पहले मौत हो चुकी और अब विभूति ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण कुर्बान कर दिए.

Posted By: Vandana Sharma