मकर संक्रांति 2019: सूर्य उपासना से मिलेगी शनि के प्रकोप से मुक्ति, दिन-रात की संक्रांति इनके लिए होती है कष्टकारक
इस वर्ष सोमवार को मकर संक्रांति होना विशेष महत्वपूर्ण है क्योंकि इस वर्ष के राजा भी शनि हैं साथ ही मंत्री भी सूर्य देव हैं। मकर संक्रांति अयन संक्रांति होने के कारण अति महत्वपूर्ण है। इस वर्ष सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी 2019 संध्या कालीन 07:52 बजे होगा, इस वर्ष मकर संक्रांति के समय ’’आश्विनी नक्षत्र” एवं ’’सिद्ध योग” रहेगा, जिसके देवता अश्विनी कुमार एवं गण ’’देव” है जिसका फल शुभ होना बताया गया है।
ज्योतिषत शास्त्र के अनुसार, मकर संक्रांति के स्वामी सूर्य पुत्र शनि देव हैं। शनि के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए इस दिन की गई सूर्योपासना महा शुभ है। मत्स्य पुराण के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्योपासना के साथ यज्ञ, हवन एंव दान को पुण्य फलदायक माना गया है।इन चीजों के लिए विशेष होती है मकर संक्रान्तिशिव रहस्य ग्रन्थ में मकर संक्रान्ति के अवसर पर हवन पूजन के साथ खाद्य वस्तुओं में तिल एवं तिल से बनी वस्तुओं का विशेष महत्व बताया गया है। पुराणों के अनुसार मकर संक्रान्ति सुःख शान्ति, वैभव, प्रगति सूचक, जीवों में प्राण दाता, स्वास्थ्यवर्धक, औषधियों के लिए वर्णकारी एवं आयुर्वेद के लिए विशेष है।
दिन और रात में संक्रांति होने पर इन पर पड़ता है प्रभावशास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है कि कर्क संक्रांति के समय सूर्य का रथ दक्षिण की ओर मुड़ जाता है। इससे सूर्य का मुख दक्षिण की ओर तथा पीठ हमारी ओर होती है। इसके विपरीत मकर संक्रांति के दिन से सूर्य का रथ उत्तर की ओर मुड़ जाता है अर्थात् सूर्य का मुख हमारी ओर (पृथ्वी की तरफ) हो जाता है। फलतः सूर्य का रथ उत्तराभिमुख होकर हमारी ओर आने लगता है। सूर्यदेव हमारे अति निकट आने लगते हैं।
मकर संक्रान्ति सूर्य उपासना का अत्यन्त महत्वपूर्ण, विशिष्ट एवं एकमात्र महापर्व है। यह एक ऐसा पर्व है जो सीधे सूर्य से संबंधित है। मकर से मिथुन तक की 6 राशियों में 6 महीने तक सूर्य उत्तरायण रहते हैं तथा कर्क से धनु तक की 6 राशियों में 6 महीने तक सूर्य दक्षिणायन रहते हें। कर्क से मकर की ओर सूर्य का जाना दक्षिणायन तथा मकर से कर्क की ओर जाना उत्तरायण कहलाता है।सनातन धर्म के अनुसार उत्तरायण के 6 महीनों को देवताओं का एक दिन और दक्षिणायन के 6 महीनों को देवताओं की एक रात्रि माना गया है।- ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा मकर संक्रांति 2019: जानें क्या है पुण्य काल, इस दिन स्नान न करने से होती है ये हानिमकर संक्रांति 2019: जानें क्या है स्नान, पूजा और दान की सही विधि, खिचड़ी का महत्व