समंदर के बीचों-बीच ऐसा देश जिसकी खूबी उसके खूबसूरत समुद्र तट हैं. चारों ओर पानी ही पानी है बावजूद इसके मालदीव की राजधानी माले में दो दिन से पानी के लिए ही हाहाकार मचा है. संकट इतना गहरा है कि देश में इमरजेंसी लागू करनी पड़ी है. माले में डेढ़ लाख लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं क्‍योंक‍ि यहां के सबसे बड़े वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में गुरुवार को लगी आग की वजह से ये हालात पैदा हुए हैं. पड़ोसी देश भारत ने मदद के तौर पर करीब 400 टन पानी भेजा है.


हालात सुधरने तक होगी मददमाले में यह संकट शहर के एकमात्र वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में आग लगने से पैदा हुआ है. मालदीव की विदेशमंत्री दुन्या मौमून ने गुरुवार रात भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से करते हुए उनसे पानी संकट के संबंध में बात की. इस पर भारत ने तुरंत विमान से पानी की बोतले भेजी. इसके अलावा, आईएनएस सुकन्या और आईएनएस विवेक को भी भेजा गया है, जो हालात सामान्य होने तक माले तट पर रहेंगे और युद्धपोत में लगे रिवर्स ऑस्मॉसिस प्लांट के जरिए पानी शुद्ध करके मुहैया कराते रहेंगे. मालदीव के रक्षामंत्री मोहम्मद अजीम ने भारत की ओर से मुसीबत की घड़ी में की गई मदद के बदले में देश का शुक्रिया अदा किया है.पानी को लेकर हो रही झड़पें
माले में जल संकट को लेकर मालदीव में इमरजेंसी लागू कर दिया गया है. अधिकारियों के मुताबिक ट्रीटमेंट प्लांट विभाग का कहना है कि हालात सामान्य होने में कम से कम एक हफ्ते लगेंगे. इसलिए मालदीव सरकार पानी की बोतल मुफ्त में बांट रही है. हर नागरिक को तीन लीटर पानी मुफ्त में दिया जा रहा है, इसके बावजूद दुकानों पर पानी खरीदने के लिए लंबी लाइनें लगी हुई हैं, वहीं कई लोगों का दावा किया कि मुफ्त पानी उन्हें ही दिया जा रहा है जिनके पास मालदीव की नागरिकता है. जिससे कई जगहों पर पीने के पानी को लेकर झड़प होने की भी खबरें आ रही हैं. मालदीव सरकार ने भारत के अलावा श्रीलंका, चीन और अमेरिका से भी पानी की मदद मांगी है

Hindi News from World News Desk

Posted By: Satyendra Kumar Singh