मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में भारत के समर्थक इब्राहिम मोहम्मद सोलीह ने जीत दर्ज कर ली है। चीन का सपोर्ट करने वाले करने यामीन अब्दुल गयूम चुनाव हार गए हैं।

मेल (एपी)। इंडियन ओसियन में स्थित छोटे से द्वीप समूह मालदीव में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भारत के साथ गहरा संबंध बनाने का विचार रखने वाले मालदिवियन डेमोक्रैटिक पार्टी (MDP) के उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलीह ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर जीत दर्ज कर ली है। इसके अलावा भारत को इग्नोर कर चीन के साथ रिश्ते को बढ़ावा देने वाले राष्ट्रपति अब्दुल्लाह यामीन को जनता ने नकार दिया है। भारत ने भी चुनाव परिणाम का स्वागत किया है। भारत का कहना है कि यह जीत मालदीव में लोकतांत्रिक मूल्यों की है और वह नई सरकार के साथ काम करने की चाह रखती है।
सभी बंदियों को रिहा करने की अपील
बता दें कि चुनाव में सोलीह को कुल 92 फीसद में से 58.3 प्रतिशत वोट मिले। विश्लेषकों के मुताबिक, सोलीह ने चुनाव में बहुत बड़े अंतर से जीत हासिल की है और इसे हमेशा याद रखा जाएगा। जीत के बाद सोलीह ने अपने भाषण में कहा, 'यह ऐतिहासिक पल ख़ुशी और उम्मीद का है।' बता दें कि 56 वर्षीय सोलीह ने मालदीव में लोकतंत्र के लिए सालों लड़ाई लड़ी है और वे पहले संसद के सदस्य भी रह चुके हैं। सोलीह को मालदिवियन डेमोक्रैटिक पार्टी का उम्मीदवार इसलिए बनाया गया क्योंकि उनकी पार्टी के कई बड़े नेताओं को यामीन सरकार ने जेल भेज दिया था। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद सोलीह ने सभी बंदियों को जेल से रिहा करने की अपील की है।
भारत ने दी बधाई
भारत ने रविवार को इब्राहिम मोहम्मद की जीत पर बधाई दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोलीह को बधाई देते हुए कहा, 'मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में इब्राहिम मोहम्मद सोलीह की जीत हुई है। जीत पर उन्हें दिल से बधाई।' गौरतलब है कि मालदीव में जीत हासिल करने वाले विपक्षी नेता सोलीह भारत के साथ अच्छे रिश्ते का समर्थन करते हैं जबकि अभी तक राष्ट्रपति रहे यामीन भारत के बजाय चीन का साथ देते हैं। यहां तक कि उन्होंने चीन का साथ देने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने पहले भारत के साथ विशेष व्यापार समझौता करने का वादा किया था लेकिन ऐसा उन्होंने चीन के साथ कर लिया।

चीन और भारत के बीच विवाद

बता दें कि चीन कुछ सालों से मालदीव पर काफी ध्यान दे रहा है क्योंकि इसके माध्यम से वह हिन्द महासागर में भारत को घेरने की योजना बना रहा है। चीन भारत के चारों तरफ अपने बंदरगाह बनाने की कोशिश कर रहा है। मालदीव को लेकर भारत और चीन के बीच पहले कई बार बहस हो चुकी है। भारत ने कई बार वहां सैन्य कार्रवाई करने की मांग की है लेकिन इस पर चीन चेतावनी भी दे चुका है। चीन के बढ़ते दबदबे को देख अमेरिका, ब्रिटेन समेत अन्य देशों ने भी चिंता जताई थी।

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Posted By: Mukul Kumar