RANCHI : बारिश ने राजधानी में दस्तक दे दी है। सफाई नहीं होने के कारण मच्छरों का आतंक और बढ़ता ही जा रहा है। अभी पूरी तरह से बरसात भी शुरू नहीं हुई है कि मलेरिया भी एलार्मिग सिचुएशन में पहुंच चुका है। रिम्स में यह दिखने भी लगा है। यहां के इमरजेंसी में मलेरिया व सेरेब्रल मलेरिया से ग्रसित काफी संख्या में मरीज डेली इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इसके बाद भी सिटी के अन्य सरकारी हॉस्पिटलों में मलेरिया से ग्रसित गंभीर मरीजों के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है।

अन्य हॉस्पिटल में इलाज नहीं

सरकारी हॉस्पिटलों में मलेरिया से ग्रसित बच्चों का इलाज नहीं हो पा रहा है। इस वजह से बच्चों को इलाज के लिए रिम्स भेजा जा रहा है। पेडियाट्रिक डिपार्टमेंट में ऐसे ही दो दर्जन मरीज पिछले दो महीने में एडमिट हो चुके हैं। हालांकि आधे मरीजों को ठीक होने के बाद हॉस्पिटल से छुट्टी भी दे दी गई। इसके बाद भी मरीजों के यहां आने का सिलसिला जारी है।

नहीं बंटी मेडिकेटेड मच्छरदानी

बरसात से पहले हेल्थ डिपार्टमेंट प्रभावित इलाकों को चिन्हित कर वहां कैंप लगाता है। इसके साथ ही सस्पेक्टेड लोगों की जांच कराकर मलेरिया का लक्षण पाए जाने पर इलाज शुरू कर दिया जाता है। इसके अलावा डिपार्टमेंट की ओर से घरों में मेडिकेटेड मच्छरदानी भी बांटी जाती है। लेकिन बरसात शुरू होने के बावजूद अभी तक मेडिकेटेड मच्छरदानी का वितरण नहीं हो सका है। बताते चलें कि सिटी के कुछ इलाकों में पिछले साल भी मलेरिया ने कहर बरपाया था।

11,897 के इलाज को एक डॉ।

लोगों को बेहतर इलाज मिले इसके लिए डॉक्टरों की नियुक्ति की जा रही है। 2004 में जहां एक डॉक्टर पर 22,936 मरीज थे। वह 2016 में एक डॉक्टर पर 20,376 मरीज हो गया था। इसके बाद डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया तेज की गई। जिससे कि 2019 में एक डॉक्टर पर 11,897 मरीज हो गए हैं। लेकिन आबादी की तुलना में आज भी डॉक्टरों की संख्या कम है।

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वर्जन

आज से हेल्थ डिपार्टमेंट के स्टाफ और नर्सिग स्टाफ की ट्रेनिंग शुरू होगी। तीन दिनों तक चलने वाले ट्रेनिंग में मलेरिया व अन्य रोगों से बचाव की जानकारी दी जाएगी। मच्छरदानी का आर्डर दिया गया है। जैसे ही आएगी लोगों को बांटा जाएगा।

डॉ.विजय बिहारी प्रसाद, सिविल सर्जन, रांची

Posted By: Inextlive