- यूपी से नहीं आ रहा आलू, बंगाल ने भी लगा रखी है रोक

- पटना की तमाम थोक मंडियों में बढ़े हुए हैं दाम, 16-20 थोक में तो रिटेल में 30-35 रुपए किलो

- अब तक की सबसे महंगी कीमत पर बिक रहा है आलू, बंगाल से हर दिन आता था 20 हजार पैकेट

PATNA : अब तक हरी सब्जी, प्याज की कीमतों में उछाल आने के बाद भी कई घरों की रसोई चलती रही थी क्योंकि आलू का रेट नॉर्मल था। आलू के साथ हर सुबह और शाम की थाली सजाने वाले पटनाइट्स को अब आलू के लिए ही तरसना होगा। अगले चार दिनों तक अगर बंगाल से आलू का खेप नहीं आ पाता है तो फिर पटना में आलू को लेकर हाहाकार मच सकता है। इस बार रिटेलर की तरफ अधिक अंगुली नहीं उठ रही है बल्कि पिछले दो दिनों में थोक मंडी की ओर से चार सौ रुपए प्रति क्विंटल तक दाम बढ़ा दिया गया है। बढ़े रेट की वजह से रिटेल मार्केट पर इसका दुगुना असर दिखना शुरू हो गया है। मीठापुर, गुलजारबाग, कंकड़बाग, राजाबाजार, राजेंद्र नगर व फुलवारीशरीफ के तमाम थोक विक्रेता की नजरें बंगाल से आने वाले आलू के ट्रक पर टिकी हैं। अगर स्थिति जस की तस रही तो रेट और भी बढ़ जाएगा और अगर नहीं आता है तो चार दिनों बाद आलू के लिए लोगों को तरसना पड़ सकता है।

होलसेल ख्0 रुपए तो रिटेल फ्0 रुपए

पिछले सप्ताह तक थोक मंडी में आलू का रेट ठीक था। क्म्00 से क्800 रुपए प्रति क्विंटल के रेट से आलू बंगाल से आ रहा था। अचानक बंगाल का बॉर्डर सील कर दिया गया है। अब आलू से लदे ट्रक को यहां आने नहीं दिया जा रहा है जो भी आ रहा है वो दस से पंद्रह हजार रुपए घूस देकर और इसी वजह से आलू के रेट में प्रति क्विंटल चार सौ रुपए का इजाफा हो गया है। राजाबाजार के होलसेलर रणजीत ने बताया कि होलसेल में ही बंगाल से अधिक कीमतों पर आलू उतारना पड़ रहा है। यह एक दिन की बात नहीं है। हर दिन पटना की मंडी में आलू के बीस हजार पैकेट्स उतरते हैं। ऐसे में कीमतों में अधिक इजाफा होने की वजह से कई थोक विक्रेता इसे खरीदने से बच रहे हैं क्योंकि यहां की पब्लिक अचानक से आलू के रेट बढ़ने के बाद खरीदना कम कर सकती है।

पहले यूपी ने रुलाया अब बंगाल कर रहा परेशान

यूपी में आयी भयंकर बाढ़ और उससे फसलों को नुकसान पहुंचने के बाद से ही पटना की मंडी में यूपी का आलू नहीं आ रहा है। एक महीने से पूरी डिपेंडेंसी बंगाल पर ही है। ऐसे में बंगाल से आने वाले आलू पर लगी रोक से कंडीशन दिन ब दिन खराब हो रही है। स्टॉकिस्ट अमित कुमार ने बताया कि अगर गवर्नमेंट इसे लेकर कदम नहीं उठाती है तो फिर हंगामा और प्रदर्शन किया जाएगा। मंडी में पब्लिक का आना-जाना भी कम होने लगा है। जानकारी हो कि बिहार में लाल आलू समस्तीपुर, ताजपुर व जढ़ुआ से आता है, लेकिन आवक कम होती है।

पटना की पूरी थोक मंडी त्रस्त

मीठापुर, कंकड़बाग, राजेंद्र नगर, राजाबाजार, गुलजारबाग व फुलवारीशरीफ मंडी में बंगाल से आलू आता है। इसमें लाल और सफेद दोनों तरह का आलू शामिल है, लेकिन बढ़ती कीमतों की वजह से इन मंडी वालों ने महंगी कीमत पर आलू लेना बंद कर दिया है।

बंगाल से आलू कम आने लगा है, जो आ रहा है वो महंगा। बॉर्डर पर पुलिस ने लूट मचा रखी है। बंगाल और बिहार गवर्नमेंट को चाहिए कि इस पर कार्रवाई करे और ट्रकों को आसानी से बिहार आने दे तभी आलू का रेट कम हो सकता है।

- अमित कुमार, स्टॉकिस्ट, मीठापुर

Posted By: Inextlive