यह भी जानें

-7 बजे सुबह से 11 बजे तक हुई बारिश

-25 एमएम बारिश हुई शहर में

-40 एमएम बारिश हो सकती है अगले हफ्ते तक

-12 मोहल्लों में लगभग सबसे ज्यादा है जलभराव

-17 बड़े नालों की अभी तक नहीं हो सकी सफाई

-103 छोटे नालों की सफाई भी ढंग से नहीं हुई

-नालों की सफाई न होने से उफना रहे नाले, सड़कों और घरों में भीषण जलभराव

-निगम की हीलाहवाली से लोग गंदे पानी से निकलने को मजबूर, बारिश से सीएम ऑफिस स्टोर की गिरी छत

बरेली : ट्यूजडे सुबह हुई मूसलाधार बारिश से एक ओर जहां बरेलियंस को राहत मिली तो वहीं दूसरी ओर नगर निगम के दावों की पोल भी खुल गई। जिसका बरेलियंस को उठाना पड़ रहा है। बड़े नालों की सफाई न होने और छोटे नालों की सफाई में खानापूर्ति करने से शहर जलमग्न हो गया। हालात इतने बदतर हो गए कि सड़कों के साथ ही लोगों के घरों में पानी भर गया। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को हुई। गली-मोहल्लों में पानी भर जाने से स्कूली वाहन घरों तक न पहुंच सके, जिसके वजह से उनको गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ा। वहीं मौसम विभाग के अनुसार मंडे से लेकर ट्यूजडे दोपहर 12 बजे तक करीब 25 एमएम बारिश हुई है। वहीं अगले सप्ताह तक 40 एमएम बारिश होने की आशंका है।

सफाई न होने स्थिति भयावह

नगर आयुक्त और पार्षदों के विवाद के चलते बड़े नालों के टेंडर जारी न हो सके। वहीं निगम कर्मियों ने छोटे नाले भी कुछ ही साफ किए। जो नाले साफ किए गए, उनकी सिल्ट भी नहीं उठाई गई। जिससे नालों का कूड़ा वापस नाले में पहुंचने से नाला चोक हो गया। जिससे शहर की ज्यादातर सड़कों में पानी भरा हुआ है।

यहां सबसे ज्यादा जलभराव

शहर के सुभाषनगर, मढ़ीनाथ, राजेंद्र नगर, बांस मंडी, पुराना शहर, इंद्रा नगर, डीडीपुरम, जाटवपुरा और शांति बिहार में सबसे ज्यादा जलभराव की समस्या रही। कई मोहल्लों में तो लोगाें के घरों में पानी भर गया।

गंदे पानी से गुजरे मरीज-तीमारदार

बारिश की वजह से जिला अस्पताल में जलभराव हो गया। पानी निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से मरीजों और तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इलाज के लिए लोगों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ा। वहीं बारिश के दिनों में जिला अस्पताल में अक्सर जलभराव हो जाता है। इसके बावजूद जलभराव न हो, इसके लिए कोई इंतजाम नहीं किया जाता है।

बजबजाता कूडें पर जानवरों का डेरा

निगम की हीलाहवाली से शहर में लगे कूड़े के ढेर बजबजाने लगे। पीलीभीत बाईपास, श्यामगंज और चौकी चौराहा पर कई जगहों पर कई दिनों से कूड़ा नही उठा। बारिश होते ही यह कूड़ा फैलकर सड़क पर पहुंच गया। कई प्रमुख चौराहों लगे कूड़े के ढेर पर अवारा पशु धमा-चौकड़ी करते नजर आए।

स्टोर की ढही छत बाल-बाल बचे कर्मचारी

मंडे देर रात से हो रही बारिश के कारण जिला अस्पताल में सीएमएस कार्यालय में बने स्टोर रूम की छत करीब आठ बजे भराभरा कर गिर गई। गनीमत रही कि कोई कर्मचारी इस दौरान स्टोर रूम में नहीं था। नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। कार्यालय अधीक्षक फरीद ने बताया कि इस स्टोर का निर्माण साल 1967 में हुआ था, तब से लेकर आज तक मेंटीनेंस नहीं हुआ। जबकि विभाग संबंधित कई रिकॉर्ड यहां रखे जाते हैं।

वर्जन ::

बारिश के बाद से ही मंडे से ही टीमें गठित कर सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए थे। बड़े नाले चोक होने के कारण जलभराव की समस्या रही। इन नालों की सफाई के लिए सर्व सम्मति से बैठक कर व्यवस्था की जाएगी।

सैमुअल पॉल एन, नगर आयुक्त।

Posted By: Inextlive