इलाके में मलेरिया, डेंगू और जापानी इंसेफ्लाइटिस जैसी बीमारियों की चपेट में आ रहे लोग

दूषित पेयजल और साफ-सफाई नहीं होने से इलाके में फैल रही है बीमारियां

छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : बागबेड़ा क्षेत्र में अगर जल्द ही प्योर ड्रिंकिंग वाटर और साफ-सफाई की व्यवस्था नही की गई तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। एमजीएम कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट द्वारा किए गए सैंपल टेस्ट की रिपोर्ट कुछ यही बता रही है। इस इलाके में बीमार लोगों के स्टूल टेस्ट में बैक्ट्रिया और पैरासाइट पाए जाने की बात सामने आई है। डॉक्टर्स के मुताबिक, इसकी वजह दूषित पेयजल है। वही इलाके में मलेरिया, डेंगू और जापानी इंसेप्लाइटिस जैसी बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है।

बीमारियों की चपेट में बागबेड़ा

एमजीएम कॉलेज हॉस्पिटल के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ एसी अखौरी ने बताया कि स्टूल टेस्ट में बैक्ट्रिया और पैरासाइट पाए जाने की वजह दूषित पेयजल है। उन्होंने इसके लिए ड्रिंकिंग वाटर में सीवरेज के पानी के मिल जाने की आशंका जताई । साफ-सफाई नहीं होने से इस इलाके में बीमारियां दस्तक दे रही है। सिविल सर्जन ने बताया कि इस इलाके में मलेरिया, डेंगू और जेई फैलाने वाले फीमेल एनोफिलीज, एडिज और क्यूलेक्स मच्छर पाए गए हैं। यह इलाका पहले से ही मलेरिया इनडेमिक जोन में आता है और अब यहां जेई भी फैल रहा है। वैसे इस मौसम में जेई नही होना चाहिए, इसके बावजूद जेई के केसेज आ रहे हैं, जो चिंता की बात है।

अगले साल मार्च में स्टार्ट होगा टाटा पावर का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट

टाटा पावर द्वारा जोजोबेरा स्थित पावर प्लांट में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। जोजोबेरा पावर स्टेशन के प्रमुख वीवी नामजोशी ने नए प्लांट के लिए भूमि पूजन किया। मार्च 2015 में यह प्लांट शुरू कर दिया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक इस सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की कैपेसिटी 50 किलोलीटर होगी, जो खराब पानी को रिसाइकिल कर उसे यूज करने लायक बनाएगा। इसका मकसद जोजोबेरा प्लांट में वाटर सेव करना है। बता दें कि ट्रीटमेंट के बाद पानी का यूज कैम्पस में प्लांटेशन पर होगा, जबकि अन्य कचड़े का यूज खाद के तौर पर किया जाएगा।

Posted By: Inextlive