-यहां तो बिना परमिशन ही चल रहे कार वॉशिंग सेंटर्स

-कार और बाइक धुलने में बर्बाद हो रहा लाखों लीटर पानी

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PRAYAGRAJ: संगमनगरी प्रयागराज में वाटर माफिया हावी हैं। यह पब्लिक के पानी को बर्बाद कर अपनी जेब भर रहे हैं। शहर में केवल 25 कार और बाइक वाशिंग सेंटर ही लीगल हैं। बाकी सब इल्लीगल हैं, जिनकी संख्या 150 से अधिक है। टू-व्हीलर्स और फोर व्हीलर्स को धुलने में पीने योग्य पानी का जमकर दुरुपयोग हो रहा है।

ऐसे समझें पानी की बर्बादी का आंकड़ा

25 लीगल कार और बाइक वाशिंग सेंटर्स हैं, जिन्होंने जलकल से ली है परमिशन

150 से अधिक इल्लीगल कार और बाइक वॉशिंग सेंटर्स हैं पूरे शहर में

150 लीटर तक पानी खर्च होता है एक कार को धुलने में।

1500 लीटर पानी बर्बाद होगा अगर एक वाशिंग सेंटर पर एक दिन में 10 कार की धुलाई की गई तो

50, 000 लीटर पानी एक वाशिंग सेंटर पर एक महीने में कार धुलाई में होता है बर्बाद

67 लाख 50 हजार लीटर पानी हर महीने होगा बर्बाद अगर 150 कार वॉशिंग सेंटर्स हैं शहर में

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पूरी तरह वेस्ट हो जाता है यह पानी

-शहर में कार या बाइक की धुलाई में यूज होने व पानी रिसाइकिल करने का कोई इंतजाम नहीं है।

-कार व बाइक वॉशिंग सेंटर में यूज हुआ पानी नाला-नाली के जरिए एसपीएस पहुंचता है।

-यहां से गंदे पानी को एसटीपी पहुंचाया जाता है।

-एसटीपी में पानी को ट्रीट करने के बाद गंगा-यमुना नदी में छोड़ दिया जाता है।

-एसपीएस और एसटीपी के जरिए गंगा और यमुना में टोटल यूज पानी का 50 से 60 प्रतिशत पानी ही रिसाइकिल कर बहाया जा रहा है। 40 प्रतिशत पानी यूं ही बर्बाद हो रहा है।

इन ऑप्शंस से बचाएं पानी

जब अगली बार अपनी कार वॉश कराने जाएं तो वर्कशॉप में उन ऑप्शंस के बारे में पूछें जिनमें पानी कम यूज होता है। ऐसे कुछ ऑप्शंस हैं

1. ड्राई वाश

2. स्टीम वाश

3. फोम वाश

4. वॉटरलेस वाश

इस तरह के विकल्प प्रयागराज में भी अवेलेबल हैं, हालांकि संख्या कम है। आपके आस-पास इनमें से जो भी विकल्प मौजूद हों उसका चुनाव कर सकते हैं। इससे आप कार वॉश में बर्बाद होने वाले पानी की 95 फीसदी तक बचत कर सकते हैं।

कई देशों में व्हीकल धुलने पर रोक

-वाटर माफियाओं द्वारा वाहन धुलाई में ड्रिंकिंग वॉटर की बर्बादी से पूरी दुनिया चिंतित है।

-अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, फ्रांस इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, रोमानिया और यूएई आदि ने कानून बनाकर वाहन धुलाई में होने वाले जल की बर्बादी को रोका है।

-केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में स्थानीय प्रशासन ने वाहन, घर धुलाई और बागवानी में पानी खर्च करने पर रोक लगाई है।

वर्जन

अगर किसी को कार वाशिंग सेंटर खोलना है तो वह जलकल में आवेदन करता है। इसके बाद उस एरिया में पानी की उपलब्धता देखी जाती है। कनेक्शन चेक किया जाता है। अलग से पाइपलाइन बिछाकर कॉमर्शियल कनेक्शन दिया जाता है। बिना परमिशन चल रहे कार वॉशिंग सेंटर्स के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है।

-हरिश्चंद्र बाल्मिकी

एक्सईएन, जलकल विभाग

Posted By: Inextlive