RANCHI : शहर में किसकी सरकार होगी, इसकी तस्वीर तो साफ हो गई, लेकिन मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षद के हुए इस चुनाव में कई मतदाताओं ने किसी भी प्रत्याशी को वोट न करते हुए नोटा का बटन दबाकर अपने आक्रोश का इजहार किया। आश्चर्य की बात यह है कि मेयर के पांच प्रत्याशियों को 11517 मतदाताओं ने रिजेक्ट कर दिया, जबकि डिप्टी मेयर के लिए 4204 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। लेकिन, नोटा का सबसे ज्यादा शिकार वार्ड प्रत्याशी बने। रांची नगर निगम के सभी 53 वार्ड में औसतन 100 से 170 मतदाताओं ने सभी उम्मीदवारों को नापसंद करते हुए ईवीएम में नोटा के बटन का इस्तेमाल किया। अगर नोटा का इस्तेमाल इतनी बड़ी संख्या में मतदाता नहीं करते तो 50 से 10 मतों के अंतर से हार-जीत होने वाले वार्डो में तस्वीर बदल सकती थी।

दबे ज्यादा नोटा बटन

53 वार्डो में 462 उम्मीदवारों ने पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ा था। लेकिन चुनाव परिणाम ने यह जता दिया कि पार्षदों के प्रत्याशियों को हर वार्ड में लोगों ने नापसंद किया गया। कोई एक वार्ड भी ऐसा नहीं रहा, जहां लोगों ने प्रत्याशियों को नापसंद नहीं किया। मतदाताओं द्वारा नोटा का इस्तेमाल किए जाने से कम मतों से हारने वाले कई उम्मीदवारों के पार्षद बनने के सपने पर पानी फिर गया।

पहली बार नोटा का हुआ इस्तेमाल

रांची नगर निगम चुनाव में यह पहला मौका था, जब ईवीएम में मतदाताओं को यह छूट मिली थी कि अगर उन्हें कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं है तो वे नोटा बटन का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में मतदाताओं ने मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षद पद के उम्मीदवारों पर भरोसा नहीं जताते हुए नोटा का बटन दबाकर अपने भावनाओं से उन्हें अवगत करा दिया।

नोटा को ले डरे-सहमे थे कई प्रत्याशी (बॉक्स)

ईवीएम में नोटा का इस्तेमाल करने की मतदाताओं को मिले अधिकार से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी शुरू से ही डरे-सहमे थे और चुनाव परिणाम में नोटा में दबाए गए मतों की संख्या ने यह साफ जाहिर कर दिया कि उन्हें अपने प्रत्याशियों पर भरोसा नहीं था। हालांकि, कई उम्मीदवारों ने अपने प्रचार अभियान के दौरान मतदाताओं को अपने क्रम संख्या में बटन दबाने का आग्रह किया था, पर कई मतदाताओं का गुस्सा उन्हें नोटा का इस्तेमाल करने पर मजबूर कर दिया।

Posted By: Inextlive