आरक्षण समेत कर्इ दूसरी मांगों को लेकर मराठा क्रांति मोर्चे ने आज फिर महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया किया है। एेसे में महाराष्ट्र पुलिस ने कमर कस ली है। सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

मुंबई (पीटीआई)। मराठा क्रांति मोर्चे के आज महाराष्टर् बंद के ऐलान को देखते हुए सरकार ने भी पहले से पूरी तैयारी कर ली है। सरकार का कहना है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की एक कंपनी संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गई है। रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की छह कंपनियों ने भी कमान संभाल ली है। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर सहायता के लिए पुलिस व होम गार्ड कर्मियों की भी तैनाती की गई है। प्रदर्शनकारियों पर पुलिस सादे कपड़ों में भी नजर रखेगी।

कई जिलों में स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए

महाराष्ट्र के मुख्य सचिव डी के जैन ने बताया कि मुंबई समेत कई शहरों में प्रदर्शन करने वालों  सीसीटीवी कैमरों के माध्यम नजर रखी जाएगी। इंटरनेट सेवा हालातों को देखते हुए संचालित की जाएगी। सोशल मीडिया पर पोस्ट आदि पर नजर रहेगी। मेट्रो शहरों के अलावा औरंगाबाद ग्रामीण, पुणे ग्रामीण और पश्चिमी महाराष्ट्र के संवेदनशील स्थानों पर प्रशासन की पैनी नजर रहेगी। मराठा क्रांति मोर्चे के सदस्यों और समर्थकों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए पुणे समेत कई जिलों में स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं।
आरक्षण की मांग को लेकर आवाज उठा रहा था
बता दें कि बीते दिनों मराठा क्रांति मोर्चे वालों ने महाराष्ट्र बंद किया था। इस दौरान  मराठवाड़ा, पश्चिमी महाराष्ट्र, ठाणे और नवी मुंबई में मराठा संगठनों द्वारा आरक्षण के लिए मांग में हिंसा का सहारा लिया था। महाराष्ट्र के कई इलाकों में हालात काफी सवेंदनशील हो गए थे। बसें आदि जला दी गई थीं। सार्वजनिक परिवहन बसों पर भी पत्थरबाजी हुई थी।  मुंबई की लोकल ट्रेनों को भी प्रदर्शनकारियों ने निशाने पर लिया था। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय कई वर्षों से सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर अपनी आवाज उठा रहा है।
16 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिला तो अन्याय होगा
आरक्षण को लेकर जब इस मांग को नहीं माना गया तो अब मराठा मोर्चा के सदस्यों ने सड़कों पर उतरने का फैसला लिया। इसके बाद से प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस आंदोलन को सफल बनाने की अपील की गई है। मराठा समुदाय की मांग नौकरियों आरक्षण दिए जाने की है। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय का दावा है कि उनका समुदाय काफी प्रभावशाली है। राज्य की आबादी का लगभग 30 प्रतिशत है। ऐसे में अगर महाराष्ट्र सरकार की हाल में निकली 72,000 नौकरियों में उन्हेें 16 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिला तो यह अन्याय होगा।

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Posted By: Shweta Mishra