- शासन का सरकारी स्कूलों को सख्त निर्देश, निजी प्रयोग में न लाएं स्कूल

- लगातार मिल रही थी स्कूलों के निजी प्रयोग की शिकायत, डीएम ने जारी किया नोटिस

आई एक्सक्लूसिव

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MEERUT: शिक्षा के मंदिर को निजी कामों में यूज करने की शिकायतें लगातार विभाग पर पहुंच रही हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं उन सरकारी स्कूलों की जिन्हें शादियों, दावतों या फिर किसी निजी कार्य में प्रयोग लाया जाता है। अब उन पर शासन भी सख्त हो गया है। डीएम ने विभाग को लेटर जारी कर दिया है। शासन के अनुसार स्कूलों को व्यवसायिक बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

न बनाए स्कूलों को विवाह स्थल

अधिकतर सरकारी स्कूलों को निजी कार्यो व शादियों में उपयोग किया जाता है। इसकी शिकायत शासन तक भी पहुंच चुकी है। सूत्रों की मानें तो विधान परिषद की शिक्षा के व्यवसायीकरण संबंधित जांच समिति के समक्ष शैक्षणिक संस्थानों में व्यवसायिक गतिविधियों के संबंध में शिकायत मिली है। शिकायत के बाद क्भ् अप्रैल को विधान परिषद समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। वहीं शासन ने भी डीएम को यह निर्देश दे दिए है कि स्कूलों को वैवाहिक स्थल न बनाया जाए और न ही निजी कार्यो में प्रयोग किया जाए।

शिक्षा विभाग की सख्ती

चिह्नित हुए ऐसे स्कूल

शासन के आदेश के बाद डीएम ने भी डीआईओएस को इसकी जिम्मेदारी सौंपते हुए निर्देश दिया है। सूत्रों की मानें तो विभाग ने ऐसे कुछ स्कूलों को चिह्नित कर उनकी लिस्ट भी तैयार की है। जिनके निजी प्रयोग की शिकायतें विभाग के पास पहुंची हैं। सूत्रों के अनुसार इन स्कूलों में दुर्गा बाड़ी ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज, एसडी ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज सदर, जीआईसी, कनोहर लाल ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज, सेंट जोजफ, सेंट थॉमस, भारतीय ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज सहित काफी सारे नामी स्कूलों के भी नाम शामिल हैं। उधर बेसिक में केसरगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय के भी निजी प्रयोग की शिकायत सामने आई है। इन शिकायतों के आधार पर ही शासन ने शिक्षा विभाग को स्कूलों पर पैनी नजर रख उनपर लगाम कसने की हिदायत दी है।

इन स्कूलों पर लागू है निर्देश

शासन ने यह निर्देश सरकारी स्कूल, सरकारी सहायता प्राप्त हाईस्कूल और इंटर स्कूल, राजकीय हाईस्कूल व राजकीय इंटर स्कूल आदि सभी सरकारी स्कूलों के लिए जारी किया है। निर्देश में लिखा गया है कि संस्थानों के भवन, परिसर का उपयोग शिक्षण कार्य में सहगामी क्रिया कलाप व विद्यार्थियों के खेलकूद और व्यक्तित्व विकास के लिए ही लगाया जाए।

डीएम के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने स्कूलों को लेटर जारी कर दिया है। इसमें लिखा गया है कि स्कूलों को निजी प्रयोग बिल्कुल भी न लाए। निर्देश में यह भी लिखा गया है कि यदि कोई शिक्षण संस्थान इस निर्देश का उल्लंघन करता है या फिर किसी स्कूल में इस तरह की शिकायत आती है तो संबंध में कठोर कार्रवाई भी होगी।

इस तरह की शिकायतें सुनने में आ रही थीं। शिक्षा विभाग को इस संबंध में लेटर जारी किया गया है। शिक्षा विभाग से स्कूलों में भी इसका एक लेटर जारी किया गया है। अगर किसी स्कूल द्वारा निर्देश का उल्लंघन किया तो संबंध में सख्ती बरती जाएगी।

-पंकज यादव, डीएम

स्कूल शिक्षा के मंदिर हैं, उनका प्रयोग बच्चों को बेहतर शिक्षा देने व उनके विकास के लिए ही होना चाहिए। अगर किसी स्कूल का प्रयोग किसी निजी कार्य के लिए किया जा रहा है तो वो गलत है।

-डॉ। महेंद्र देव, जेडी

Posted By: Inextlive