झारखंड में रजिस्ट्री ऑफिस में शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 20 साल बाद भी दोबारा विवाह का कार्ड छपवाकर अधिकारी व कर्मचारी पहुंच रहे हैं.

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RANCHI: शादी के सालों बाद फिर से छपवा रही विवाह कार्ड। जी हां, झारखंड सरकार द्वारा शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किए जाने के बाद और कार्मिक विभाग द्वारा विभिन्न विभागों को भेजे गए निर्देश के बाद सभी सरकारी कर्मचारी व अधिकारी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए उमड़ पड़े हैं। रजिस्ट्री ऑफिस में शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 20 साल बाद भी दोबारा विवाह का कार्ड छपवाकर अधिकारी व कर्मचारी पहुंच रहे हैं। इससे रजिस्ट्री ऑफिस में शादी का रजिस्ट्रेशन कराने वालों की भीड़ बढ़ गई है। गौरतलब हो कि पिछले साल दिसंबर में ही यह तय किया गया है कि सभी लोगों की शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रूप से कराना है।

सबूत के तौर पर विवाह कार्ड
सरकारी कर्मचारी रजिस्ट्रेशन कराने के लिए शादी का कार्ड भी छपवा रहे हैं। हालांकि इन सरकारी कर्मियों की शादी कब की हो चुकी है। लेकिन अब कई साल बाद भी वो अपनी शादी का कार्ड छपवा रहे हैं। राज्य सरकार ने सभी झारखंडियों के लिए शादी का निबंधन अनिवार्य कर दिया है, उसमें सरकारी कर्मियों को अपने विवाह का निबंधन कराने का विशेष निर्देश जारी किया गया है, लिहाजा सरकारी फ रमान के बाद सरकारी कर्मी अपनी शादी रजिस्टर्ड कराने पहुंच रहे हैं। सबूत के तौर पर शादी के कार्ड प्रस्तुत किए जा रहे हैं। कार्मिक विभाग के इस निर्देश की कॉपी सभी सरकारी विभागों को भेज दी गई है। इसमें कहा गया है कि अनिवार्य विवाह नियमावली के तहत विवाह का निबंधन कराना अनिवार्य हो गया है। सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों का विवाह निबंधन कराना सुनिश्चित कराया जाए।

उल्लंघन पर सीआर में निगेटिव रिमा‌र्क्स
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार इस बात का भी प्रस्ताव तैयार कर रही है कि यदि इस आदेश का उल्लंघन कोई सरकारी कर्मचारी करता है तो उसकी सेवा पुस्तिका में निगेटिव रिमा‌र्क्स अंकित किए जाएं। विधानसभा से अनिवार्य विवाह नियमावली पारित होने के बाद सरकार ने इसे अपने संकल्प में शामिल कर लिया है। झारखंड में यह अधिनियम पिछले वर्ष दिसंबर महीने से लागू कर दिया गया है। इसमें प्रावधान किया गया है कि झारखंड में रहने वाले सभी धर्म, जाति, उपजाति के लोगों को शादी का निबंधन कराना अनिवार्य होगा।

जुर्माना भी देना होगा
निबंधन नहीं कराने पर प्रतिदिन पांच रुपएका आर्थिक दंड लगाया जाएगा। हालांकि अधिकतम दंड 100 रुपए तक सीमित रखा गया है। निबंधन कराने में 55 रुपए लगेंगे और इसका प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए अलग से 50 रुपए की अदायगी करनी होगी।

Posted By: Inextlive