RANCHI : रांची से सटे क्ब् किलोमीटर पर स्थित रातू प्रखंड के मखमंद्रों गांव में ब्याही गई करमी उराईन ने अपने ससुराल में क्रांति की बिगुल फूंक दी है। यह बिगुल आजादी के लिए नहीं, बल्कि शौचालय के लिए है। करमी ने शौचालय का निर्माण नहीं होने पर उसने पति को मायके जाने की भी धमकी दे डाली है। शौचालय के लिए करमी और उसके पति में नोंक-झोंक भी होती रहती है। ऐसे में कोई चारा न चलता देख करमी ने अंत में रातू बीडीओ देव दास दत्ता को पत्र लिखकर शौचालय निर्माण की गुजारिश की है।

शौचालय निर्माण है करमी का जुनून

करमी की शादी डेढ़ साल पहले मखमंद्रो के महावीर उरांव से हुई। शादी के पूर्व करमी के मायके में वह तमाम तरह की सुविधाएं थीं, जो वह ससुराल में चाहती है। मायके में सभी सुविधा होने की आदतन जब करमी अपने ससुराल पहुंची तो वहां कुछ न पाकर हैरान हो गई। करमी के ससुराल में शौचालय नहीं था। इस बात को लेकर उसके पति से कई बार विवाद भी हुए। रात और दिन घर से बाहर जाकर परेशान करमी ने अपने पति से साफ कह दिया कि घर में शौचालय नहीं होगा तो वह मायके चली जाएगी। पति से जब उम्मीदें टूटी तो करमी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन दिया।

मजदूरी करता है करमी का पति

करमी का पति महावीर मजदूरी का काम करता है। करमी खुद भी हर दिन अपने ससुराल से मायके आकर अगल-बगल के घर में बर्तन धोने का काम करती है। हालांकि करमी का मायका सुखी संपन्न है। यहां हर सुविधा है। लेकिन ससुराल में कोई सुविधा नहीं है। करमी ने शौचालय के लिए बीडीओ को पत्र लिखा है, उसमें भी इन बातों का जिक्र किया है। बीडीओ भी करमी के आवेदन को सेंटीमेंटल मानते हैं।

देश में चल रहा है शौचालय का मुददा

देश में शौचालय आजकल बहस का मुददा बन गया है। टीवी के जरिए, धारावाहिकों के जरिए गांव-गांव में शौचालय बनाने की मुहिम चलाई जा रही है। एक निजी चैनल में हाल में दिखाया गया था कि एक लड़की ने महज इस बात से शादी करने से इनकार कर दिया था कि उसके ससुराल में शौचालय नहीं है। उसने अपने घर पर आई बारात को बैरंग लौज्ञ्‍टा दिया था। ऐसे में रांची में शौचालय पर किसी महिला का आंदोलन काबिले तारीफ है। करमी सरकार के सामने उन योजनाओं के लिए एक मिसाल है, जिसमें वो महिलाओं को शौचालय के लिए आवाज बुलंद करने की अपील करती है।

Posted By: Inextlive